इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द कर दिया है। अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा। जिस वक्त उन्होंने चुनाव लड़ा उस दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र पूरी नहीं थी।
बता दें कि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम स्वार-टांडा से सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। तब उनके मुकाबले बसपा से चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खां ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अब्दुल्ला की आयु को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी।
उनका कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन इस आपत्ति को खारिज कर दिया गया था। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद नवाब काजिम अली खां ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर दी थी।
24 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट में दायर चुनाव याचिका संख्या 8 में नवाब काजिम अली खां ने अब्दुल्ला आजम की सीबीएसई बोर्ड की हाईस्कूल की मार्कशीट पेश की थी, जिसमें अब्दुल्ला की जन्म तिथि 01.01.1993 है। इसके हिसाब में वह चुनाव नहीं लड़ सकते थे। याचिका में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 30.09.1990 बताने वाले लखनऊ नगर निगम के प्रमाण पत्र को झूठा बताते हुए स्वार का चुनाव रिक्त घोषित करने एवं गलत जन्म तिथि से चुनाव लड़ने पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
स्वार सीट से चुनाव जीते थे अब्दुल्ला
अब्दुल्ला आजम सपा सांसद आजम खान के छोटे बेटे हैं। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने पहली बार चुनाव लड़ा था। अब्दुल्ला ने रामपुर क्षेत्र की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता था।
50 हजार से ज्यादा मतों से जीते थे अब्दुल्ला
2017 के विधानसभा चुनाव में जहां पूरे यूपी में बीजेपी की हवा चली थी, वहीं रामपुर में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला दोनों ही अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहे थे। अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, जबकि बीएसपी के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे।