उत्तर प्रदेश के जेलों की स्थिति का खुलासा एक के बाद एक जारी वीडियो से हो रहा है। रायबरेली जेल से वायरल वीडियो के बाद एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें अपराधियों ने अपनी हत्या की आशंका जाहिर की है। साथ ही, जेल प्रशासन पर जेलों में मिलीभगत से सुविधाएं उपलब्ध कराने का खुलासा किया है। हालांकि मामले में एडीजी जेल का कहना है कि सभी वीडियो एक ही समय बनाए गए थे।
रायबरेली जिला कारागार से वायरल पहले वीडियो में जेल में बंद अपराधी न सिर्फ शराब पी रहे थे, बल्कि असलहा और कारतूस भी रखे हुए थे। वीडियो में एक अपराधी जेलर और डिप्टी जेलर को पैसे देने की बात कर रहा था तो एक अपराधी ने एक कारोबारी को धमकी भी दी।
मामला तूल पकड़ने के बाद आनन–फानन में अधिकारियों ने रायबरेली जिला जेल अधीक्षक समेत छह अधिकारियों को निलंबित किया था। साथ ही, विभागीय कार्यवाही भी शुरू की गई थी। इसके ठीक दूसरे दिन एक और वायरल वीडियो ने मीडिया जगत में हलचल मचा दी।
दूसरे वायरल वीडियो में शार्प शूटर अंशू दीक्षित साथियों शोहराब खान, दलगार सिंह समेत खुद की हत्या की आशंका जताई। उसने आरोप लगाया कि जेल में अलार्म बजाकर पीट पीट कर हमारी हत्या की जा सकती है या पेशी के दौरान एसटीएफ हमारी हत्या कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसके लिए आईजी एसटीएफ अमिताश यश, जिला जेल अधीक्षक पीके शुक्ला और जेलर आरसी वर्मा, डिप्टी जेलर आरसी तिवारी जिम्मेदार होंगे। हालांकि मामले में कार्यवाही करते हुए तीनो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया है।
प्रदेश में चलता है जेल उद्योग
प्रदेश की जेलों का पोल खोलता यह वीडियो आला अधिकारियों के लिए आईना है कि किस प्रकार से जेलों में बंदियों से अवैध वसूली होती है। साथ ही किस प्रकार से शातिर अपराधियों को पैसे के दम पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। आला अधिकारियों के लाख दावों के बावजूद जेल प्रशासन की जेल के अंदर अपनी हुकुमत चलती है। जिसके आगे सभी नतमस्तक रहते हैं। जिस प्रकार से प्रदेश की जेलों में जेल उद्योग फल फूल रहा है, यह किसी दिन विस्फोटक स्थिति भी ला सकता है।