अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी डी मिश्रा ने सोमवार को भाजपा नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पेमा खांडू को राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। पेमा खांडू ने सुबह एक पत्र सौंपकर राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। वह 29 मई को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
इससे पहले पेमा खांडू को सर्वसर्म्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके लिए जेपी नड्डा को पर्यवेक्षक बनाया गया था। रविवार को खांडू ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपते हुए छठीं विधानसभा को भंग करने का अनुरोध किया था जिसे राज्यपाल ने स्वीकार करते हुए उनसे नई सरकार के शपथ लेने तक काम जारी रखने को कहा था।
हाल में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐतिहासिक जीत करने वाली भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। इसमें पेमा खांडू की अहम भूमिका रही। सूबे में भाजपा ने 60 में 41 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस चार और एनपीपी पांच सीटें जीत सकी। वहीं, एनडीए की सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 7 सीटों पर कब्जा किया।
2016 में भाजपा में हुए थे शामिल
साल 2016 के सितंबर महीने में अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ था। कांग्रेस के 43 विधायकों ने एक साथ पार्टी छोड़ दी थी और मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) में शामिल हो गए। इसके तीन महीने बाद ही दिसंबर महीने में राजनीति बदल गई और पीपीए के अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने खांडू पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें और पांच दूसरे विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
पहली बार बनी थी भाजपा की सरकार
इसके तुरंत बाद राज्य के सीएम पेमा खांडू की अगुवाई में पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के 43 में से 33 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने इसके बाद पहली बार राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया और पेमा खांडू ने विधानसभा अध्यक्ष तेजिंग नोरबू थोंकदोक के सामने विधायकों की परेड करा दी। भाजपा में शामिल होने के बाद पेमा खांडू ने कहा था कि आखिरकार अरुणाचल प्रदेश में कमल खिल ही गया। अब राज्य के लोग नए साल और नई सरकार में नई सुबह देखेंगे।