गौरतलब है कि भुजबल को निदेशालय ने पूछताछ के लिए 17 मार्च तक हिरासत में लिया था। लेकिन पूछताछ में सहयोग नहीं करने के कारण विशेष कोर्ट ने चौदह दिन की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी। इस बीच भुजबल को बैचेनी की शिकायत के कारण प्रवर्तन निदेशालय के डॉक्टरों की टीम ने जांच भी की। इस मामले में छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल से भी पूछताछ की गई।
गौरतलब है कि दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित घोटाले के सिलसिले में भुजबल को गिरफ्तार किए जाने के बाद धनशोधन निरोधक अधिनियम से संबद्ध विशेष अदालत ने 68 वर्ष के पूर्व उप मुख्यमंत्री को 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में सौंपा था। भुजबल को अदालत के सामने जब पेश किया गया तो निदेशालय के वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि एजेंसी द्वारा बयान दर्ज किया जा रहा था तो पूर्व लोक निर्माण मंत्री सहयोग नहीं कर रहे थे।