बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अकेले किशनगंज में बाढ़ की वजह से आठ लोगों की मौत हो गई है जबकि पूर्णिया में सात अन्य की मौत हो चुकी है। कटिहार और मधेपुरा जिले में दो-दो व्यक्तियों की जान जा चुकी है। अररिया एवं सहरसा में एक एक व्यक्ति बाढ़ में अपनी जान गंवा चुके हैं। पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल और गोपालगंज जिलों में बाढ़ से करीब 21.99 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
इस बाढ़ में करीब 1.83 लाख हेक्टेयर जमीन भी डूब गई है। विशाल क्षेत्र में लगी फसल नष्ट हो गई। वैसे क्षति का आकलन किया जा रहा है। कुल 392 पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 4703 कच्चे मकानों को भारी नुकसान पहुंचा। करीब 4639 झोपड़ियां भी बाढ़ में डूब गईं. मकानों की क्षति करीब 67.91 लाख रुपये की है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बयान में बताया कि मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती, दरभंगा के कमतौल में अघवारा, खगड़िया के बालटारा में कोसी, कटिहार के कुरसेवा में कोसी, पूर्णिया के धेंगरा में महानंदा और कटिहार में झावा नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। बाढ़ वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए 8,850 नौकाएं लगायी गई हैं। अब तक 3.89 लाख लोग बाढ़ वाले क्षेत्र से निकाले गए हैं।
इस बीच सरकार और स्थानीय नेताओं द्वारा तेजी से राहत कार्य जारी हैं। कदवा विधानसभा से विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. शकील अहमद खान खुद किश्ती के जरिये बाढ़ का जायजा ले रहे हैं। राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी है। एनडीआरएफ टीमें भी वहां पहुंच चुकी हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। उन्हें घरों से किश्तियों के जरिये निकालने की मुहिम जारी है।