जम्मू-कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता चौधरी लाल सिंह ने कश्मीर के पत्रकारों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के पत्रकार जम्मू के माहौल को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्हें इससे दूर रहना चाहिए और एक सीमा खींचनी चाहिए।
लाल सिंह ने कहा, 'कश्मीर के पत्रकारों ने यहां गलत माहौल पैदा कर दिया था। क्या वे यहां ऐसे रहना चाहते हैं? ऐसे रहना है जैसे शुजात बुखारी के साथ हुआ है। इसलिए अपने आपको संभाले और एक लाइन ड्रा करें ताकि भाईचारा बना रहे और राज्य की तरक्की होती रहे।' पत्रकारों से बातचीत के दौरान लाल सिंह के इस बयान पर अब पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी को घेरते हुए कड़ी आलोचना की है।
BJP leader Lal Singh Chaudhary says in Jammu, "journalists of Kashmir created a wrong environment there. You should draw a line in journalism, so that brotherhood is maintained & there is progress" (22.06.18) pic.twitter.com/8TXaU3rPaZ
— ANI (@ANI) June 23, 2018
14 जून को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव इलाके में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। वह यहां के स्थानीय अखबार राइजिंग कश्मीर के संपादक थे। इसके चंद दिनों के अंदर बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए 19 जून को महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
विधायक के बयान पर उमर ने बीजेपी को घेरा
लाल सिंह के इस बयान का एक वीडियो ट्वीट करते हुए राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, 'प्रिय पत्रकारों, कश्मीर में आपके सहयोगियों को बीजेपी के एक विधायक ने धमकी दी है। लगता है शुजात बुखारी की मौत अब गुंडों के लिए दूसरे पत्रकारों को डराने का जरिया बन गई है।'
लाल सिंह के भाई ने भी की थी विवादित टिप्पणी
इससे पहले लाल सिंह के भाई राजेंद्र सिंह ने भी जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती पर एक विवादित टिप्पणी की थी। जम्मू संभाग के कठुआ में आयोजित एक रोड शो के दौरान लाल सिंह के भाई राजेंद्र सिंह उर्फ बब्बी ने महबूबा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
इस केस के बाद राजेंद्र सिंह फरार हो गए थे, जिस पर सरकार ने उनके घर पर एक नोटिस भी भेजा था। गौरतलब है कि विवादित बयान देने वाले लाल सिंह जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के एक शीर्ष नेता के रूप में जाने जाते हैं। लाल सिंह को कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में शामिल होने के बाद विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।