झारखण्ड में ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) को महामारी घोषित किया गया है, वहीं मार्च 2022 तक चिकित्सक रिटायर नहीं करेंगे, उनका अवधि विस्तार किया जायेगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से 26 लोगों की मौत हो चुकी है। 82 कंफर्म केस और 53 संदिग्द्ध मामले हैं। इलाज के बाद 50 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। ब्लैक फंगस के प्रकोप को देखते हुए राज्य मंत्रिपरिषद ने महामारी रोग अधिनियम 1897 और झारखण्ड महामारी रोग (कोविड-19) विनियम, 2020 के आलोक मेूं ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है। कोरोना काल में अस्पतालों की स्थिति और चिकित्सकों के अभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने मार्च 2022 तक रिटायर करने वाले झारखण्ड स्वास्थ्य सेवा के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक चिकित्सकों का अवधि विस्तार मार्च 2022 या रिटायरमेंट डेट से छह माह की अवधि, जो बाद में हो तक अवधि विस्तार की स्वीकृति दी है। बैठक में 16 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। उग्रवादी हिंसा में मारे गये सैप ( स्पेशल ऑजीलियरी पुलिस) के आश्रित को राज्य पुलिस की भांति अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान की जायेगी।