हालांकि गुड़गांव वाला यह ताजा मसला अटाली वाले मसले से अलग है। जहां एक ओर अटाली में वजह सांप्रदायिकता है तो गुड़गांव में जमीन का मसला है। मौके पर पहुंचे वेल्फेयर पार्टी ऑफ इंडिया के मुखिया सिराज तालिब बताते हैं कि ‘ सेक्टर 62 में सराय नामक यह जगह रेलवे स्टेशन के पास है। इस जगह पर लगभग 100 परिवारों के घर हैं। ये लोग यहां 35 सालों से रह रहें हैं, पक्के मकान हैं और ये जमीन वक्फ बोर्ड की है।’ सिराज के अनुसार पास में ही बड़े हाउसिंग ग्रुप्स के अपार्टमेंट बन रहे हैं और इस वक्त इस जमीन के भाव बहुत ऊंचे हैं। इन बिल्डर्स को यहां से रास्ता चाहिए था। हालांकि मामला कोर्ट में था। पहली दफा अदालत का फैसला यहां रह रहे मुसलमानों के ही हक में आया लेकिन सिराज तालिब के अनुसार अभी अदालत ने मामला खारिज कर दिया है। इसलिए यहां रह रहे मुसलमानों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया।
यहां रह रहे सभी परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं। खेतों में मजदूरी करते हैं। यहां के लोगों का दावा है कि यह जमीन इन्होंने वक्फ बोर्ड से ली थी जिसकी इनके पास रसीदे भी हैं। यहां रहने वाले लोग यहां के स्थानीय पार्षद रिशी राज राणा से मिलने पहुंचे लेकिन कुछ नहीं हो पाया। इस बाबत जब रिशी राज राणा से बात करने के लिए उन्हें बार-बार फोन लगाया गया को उन्होंने फोन नहीं उठाया।