राज्य की पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान खेमका ने स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्रा. लि. (राबार्ट वाड्रा के मालिकाना हक वाली) और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे को अवैध करार देते हुए उसे रद्द करने का आदेश दिया था। हालांकि, हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस भूमि सौदे में वाड्रा को क्लीन चिट दे दी थी।
कैग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खेमका ने ट्वीट किया, कैग की रिपोर्ट से वाड्रा-डीएलएफ भूमि लाइसेंस सौदे में मेरी कार्रवाई सही साबित हुई है, लेकिन आरोप पत्र के लांछन का दंश अब भी झेल रहा हूं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि असली अपराधी ही मेरे बारे में फैसला कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका दर्द और पीड़ा राजनीति को स्वच्छ करने में मदद करेगा।
मौजूदा समय में राज्य के परिवहन आयुक्त खेमका ने तीसरे ट्वीट में कहा, लाइसेंस और परमिट की कालाबाजारी सार्वजनिक धन की लूट है। क्या कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी सहित कुछ बिल्डरों को हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान अनुचित लाभ दिए जाने की आलोचना की गई है।