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कावेरी विवाद: तमिलनाडु में विपक्ष और किसानों का धरना, रेल रोक किया प्रदर्शन

तमिलनाडु में कावेरी मुद्दे पर किसानों और विपक्षी दलों ने केंद्र से तुरंत कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) की स्थापना की मांग करते हुए विभिन्न जगहों पर रेलो को रोक कर धरना और प्रदर्शन किया।
कावेरी विवाद: तमिलनाडु में विपक्ष और किसानों का धरना, रेल रोक किया प्रदर्शन

तमिलनाडु में विपक्षी दलों और किसानों ने कावेरी विवद पर उच्चतम न्यायालय में भाजपा नीत केंद्र सरकार के रूख के खिलाफ आज प्रदर्शन। सरकार द्वारा बोर्ड की तुरंत स्थापना का विरोध किया गया था। रेल रोको प्रदर्शन में हजारों प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया। पुलिस ने बताया कि लोगों ने गिरफ्तारियां दीं जिन्हें सामुदायिक केंद्र और विवाह घरों में रखना पड़ा। उन्हें आज ही शाम में छोड़ दिया गया। आज किसानों के संगठनों द्वारा आहूत 48 घंटे रेल रोको प्रदर्शन की शुरूआत हुई जिसे द्रमुक, तमिलनाडु कांग्रेस, आईयूएमएल, भाकपा, माकपा, एमडीएमके और विद्युतलाई चिरूतैगल काची जैसे विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। पूर्व नेता और नेशनल साउथ इंडियन रीवर्स इंटर-लिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन के प्रमुख पी अयकानु के नेतृत्व में कुदामुरत्ती ब्रिज इलाके में प्रदर्शनकारी पटरी पर बैठ गए। अयकानु ने कहा, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कल भी यह होगा। उन्होंने कहा, केंद्र से अनुरोध है कि सीएमबी के खिलाफ रूख अख्तियार कर हमें कंगाल न बनाएं।

इसी तरह चेन्नई और कावेरी के तटीय जिलों सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में आज प्रदर्शन हुए  जिनमें द्रमुक के कोषाध्यक्ष एवं तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन भी शामिल थे। उन्होंने पेरम्बदूर में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व किया, जबकि तंजावुर तथा कुड्डलोर में रेल रोको प्रदर्शन में अन्य के साथ वाम दल एवं एमडीएमके भी शामिल हुए। केंद्र से तत्काल सीएमबी के गठन का अनुरोध करते हुए किसानों के एक संघ ने आज से दो दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन का आह्वान किया था। राज्य में स्थिति के आकलन के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित एक उच्च स्तरीय तकनीकी दल के कावेरी तटीय क्षेत्र का मुआयना खत्म करने के कुछ दिनों बाद यह प्रदर्शन हुआ। दल ने कर्नाटक में भी कावेरी तटीय क्षेत्रों का मुआयना किया और यह दल आज शीर्ष अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा कराएगा। कर्नाटक से कावेरी के जल को छोड़े जाने की मांग वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस दल का गठन किया था।

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