चंदन मिश्रा हत्याकांड में कथित रूप से शामिल दो बदमाश मंगलवार को बिहार स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और भोजपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए।
बदमाशों की पहचान बलवंत कुमार सिंह और रवि रंजन कुमार सिंह के रूप में हुई है। बिहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पुलिस ने दो पिस्तौल और एक मैगजीन जब्त की।
इससे पहले रविवार को पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि पटना के एक अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या के सिलसिले में सभी चार आरोपियों को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि अन्य चार अभी भी फरार हैं।
अज्ञात हमलावरों ने एक कैदी चंदन मिश्रा को गोली मार दी, जिसे 17 जुलाई को इलाज के लिए पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने कहा, "17 जुलाई को चंदन मिश्रा की अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर अलग-अलग जगहों पर भाग गए थे। जांच शुरू करते हुए पटना पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की और कई लोगों से पूछताछ की। मुख्य शूटर तौसीफ को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया।"
उन्होंने कहा, "कोलकाता पुलिस और कोलकाता एसटीएफ ने हमें बहुत सराहनीय सहयोग दिया और उसी सहयोग की बदौलत तौसीफ को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया। तौसीफ के साथ वहां 3 अन्य लोग भी मिले जिनकी इस साजिश में भूमिका थी...उस पर पहले भी एनडीपीएस, आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। निशु खान पर भी पहले भी जबरन वसूली और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं, उसके साथ उसके हर्ष और भीम को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी 4 आरोपियों को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "अन्य चार अभी भी फरार हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जांच जारी है।"
कैदी, चंदन मिश्रा, आवश्यक चिकित्सा देखभाल के आधार पर पैरोल पर बाहर था और उसे इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब अज्ञात हमलावरों ने अस्पताल में घुसकर उसे गोली मार दी।
चंदन मिश्रा एक कुख्यात अपराधी था और उसके खिलाफ दर्जनों हत्या के मामले दर्ज थे। पुलिस का मानना है कि प्रतिद्वंद्वी गिरोह ने ही इस गोलीबारी को अंजाम दिया है।