केंद्र सरकार की ओर से उन्हें जिम्मेदारी संभालने की सूचना भी दे दी गई। अलग प्रशासक की सूचना मिलते ही पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस के सदर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक साथ इसका विरोध किया। बादल ने केंद्र सरकार से उक्त फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। अहम बात यह है कि केंद्र सरकार के इस फैसले पर शिरोमणि अकाली दल,कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही सहमत नहीं हैं। तीनों ने इस संबंध में सरकार से आपत्ति जताई है।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस संबंध में स्वंय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से संपर्क किया है। बादल का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंडीगढ़ के लिए अलग से प्रशासक नियुक्त करना सही फैसला नहीं है। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि एक प्रकार से सरकार का यह फैसला चंडीगढ़ को पंजाब से दूर करता है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है। दोनों राज्यों में चंडीगढ़ को लेकर वर्षों से विवाद चलता आ रहा है। प्रत्येक विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भी बनता है।