वनक्षेत्र में रहने वाले लोग वन उत्पादों का सुरक्षित इस्तेमाल कर सकें इसके लिए सरकार वनाधिकार पट्टा दे रही है। वहीं जंगल से टहनियां लाने वाले ग्रामीणों को वनकर्मी प्रताडि़त करते रहते हैं। हां बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई करने वाले वन माफिया पर उनकी नहीं चलती। चतरा में बुजुर्ग को जंगल से टहनियां लाते हुए वनकर्मी ने रास्ते में पकड़ा तो तत्काल सजा दे दी। बुजुर्ग को पत्नी और पोते के सामने उठक-बैठक की सजा सुना दी। उठक-बैठक कराने वाला वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में आया तो उन्होंने गंभीरता से लिया और नाराजगी जाहिर की।
चतरा के उपायुक्त को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई करते हुए सूचित करने का निर्देश दिया। दरअसल सोहन सिंह ने टि्वटर पर घटना की वीडियो अपलोड करते हुए लिखा कि झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर में बुजुर्ग अपनी पत्नी और पोते के साथ खेतों को घेरने, जलावन के लिए कुछ सूखी टहनियां लेकर जा रहे थे। वनकर्मी ने पकड़ लिया और सरेआम उठक-बैठक कराया। इतने से भी जब वन कर्मी का मन नहीं भरा तो वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वायरल वीडियो पर अपनी टिप्पणी में कहा कि माफिया पूरा जंगल साफ़ कर रहे होते हैं उस वक्त सरकार कहां सोई रहती है। उन्होंने पूछा है कि अपने उपयोग के लिए सूखी टहनियों को लेकर जा रहे गरीब आदिवासियों पर इस तरह का जुल्म करना कहां तक वाजिब है। यह शर्मनाक है।
रघुवर दास के ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले का संज्ञान लेते हुए चतरा डीसी को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई करते हुए सूचित करने का निर्देश दिया है। सोहन सिंह के टि्वट पर आरएनएस एकेडमी ने एक खबर अपलोड करते हुए लिखा जांच के नाम पर क्या होता है सबको पता है। खबर का शीर्षक है दुमका में कोल डंपिंग यार्ड के लिए बिना अनुमति के काटे 500 पेड़-पौधे, वन विभाग जांच में जुटा। कई और लोगों ने इस पर टिप्पणी की है।