कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थाओं को पूरी तरह बंद करने, सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं पर रोक लगाने का निर्णय किया है। वैवाहिक समारोह में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है।
अधिकारियों, उपायुक्तों, सिविल सर्जनों, सभी राजनीतिक दलों से विमर्श के बाद मुख्मंत्री हेमन्त सोरेन ने रविवार को सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मंथन किया। उसके बाद उपरोक्त प्रतिबंध का फैसला लिया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ज्यादा से ज्यादा व्यवस्था कर रही है। जितने बेडों का इंतजाम होता है संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण भर जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए संक्रमण का चेन रोकने के लिए सभी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग संस्थाओं, आइटीआइ, प्रशिक्षण संस्थाओं, आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया है। सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं को भी स्थगित करने का निर्णय किया गया है। स्कूलों, कॉलेजें में इंटरेंस टेस्ट भी बंद कर दिया गया है। अब शादी समारोहों में शामिल होने वालों की संख्या 200 से घटाकर पचास कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक माह के बाद पुन: स्थिति की समीक्षा कर आगे का निर्णय लिया जायेगा। समय समय पर जनहित में और भी फैसले लिये जायेंगे। संक्रमण को हलके में न लें। यह घातक रूप में सामने आ रहा है। सभी चपेट में आ रहे हैं। युवा अनावश्यक बाहर न निकलें। यह मानकर चलें कि जिससे भी मिलते हैं, अगला संक्रमित है। बे वजह कोई भी शहर में न घूमें। विशेष परिस्थिति में निकलें।
दो मई को झारखण्ड लोक सेवा आयोग की सातवीं से दसवीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा होने वाली थी। इसमें करीब पांच लाख लोगों ने आवेदन किया है। जिलों में परीक्षा केंद्र बनाये गये थे। अब जेपीएससी की यह परीक्षा नहीं होगी। एक दिन पहले ही जैक बोर्ड ने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा को रद किया है। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राजद कोटे के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता शामिल थे।