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डीडीसीए मामला: कोर्ट का आदेश 21 मार्च को पेश हों केजरीवाल

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) और चेतन चौहान की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में तलब किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को एक अदालत ने आज के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी।
डीडीसीए मामला: कोर्ट का आदेश 21 मार्च को पेश हों केजरीवाल

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने आज के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट के वास्ते दायर की गई केजरीवाल की याचिका मंजूर कर ली क्योंकि वह इस समय इलाज के लिए बेंगलूरू में हैं और 22 फरवरी को लौटेंगे।

केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि ऐसा नहीं है कि वह जानबूझकर पेशी से बच रहे हैं। अदालत ने साथ ही निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद को जमानत दे दी जिन्हें केजरीवाल के साथ आरोपी के तौर पर मामले में तलब किया गया था। उन्हें दस हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दी गई।

सुनवार्ई के दौरान आजाद के वकील ने दलील दी कि शिकायत विचार योग्य नहीं है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन को क्रिकेट संघ का प्रशासक नियुक्त किया है।

डीडीसीए एवं चौहान की तरफ से पेश हुए वकील संग्राम पटनायक ने इसका विरोध करते हुए दलील दी कि याचिका पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि जब शिकायत दायर की गई थी तब चौहान डीडीसीए के उपाध्यक्ष थे और उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में भी याचिका दायर की थी।

गौरतलब है कि अदालत ने गत 30 जनवरी को केजरीवाल और आजाद को तलब करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया उनके बयानों से क्रिकेट संघ एवं उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ा।

शिकायत में दावा किया गया था कि केजरीवाल और आजाद ने चर्चाओं में बने रहने एवं राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मानहानि करने वाले बयान दिए। आजाद खुद डीडीसीए के सदस्य हैं।

याचिका में कहा गया, केजरीवाल ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि वित्तीय हेरफेर के अलावा, डीडीसीए में एक देह व्यापार गिरोह सहित कई बड़ी कारगुजारियां हो रही हैं।

आजाद के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने केजरीवाल के मानहानिकारक आरोपों का समर्थन किया और दावा किया कि उन्होंने 2007 में ऐसा ही मुद्दा उठाया था। भाषा

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