गढ़चिरौली जिला स्थित सिरोंचा तहसील के बमनी गांव में बलात्कार की यह घटना 21 मई की रात उस समय हुई जब शादीशुदा मूक-बधिर महिला गांव में अपने घर के बाहर अपने तीन बच्चों के साथ सो रही थी। पुलिस ने सोमवार को बताया कि घटना के समय उसका पति घर से दूर था। हालांकि, घर आने पर उस महिला ने हाव-भाव से पूरी घटना की जानकारी अपने पति को दी जिसके बाद अगले दिन बमनी पुलिस थाने पर एक शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर एक महिला पुलिसकर्मी के संरक्षण में उस महिला को डॉक्टरी परीक्षण के लिए अहेरी के उप जिला अस्पताल भेजा। जहां के डॉक्टरों ने यह कहते हुए उसका परीक्षण करने से साफ मना कर दिया कि यहां कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है। अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के साथ गई महिला पुलिसकर्मी को उसे गढ़चिरौली अस्पताल ले जाने को कहा।
जब पीड़िता को गढ़चिरौली अस्पताल ले जाया गया तो बताया गया कि वहां स्त्री रोग विशेषज्ञ छुट्टी पर है। उन्होंने पुलिस को पीड़िता को पास के चंद्रपुर जिले ले जाकर वहां डॉक्टरी परीक्षण कराने को कहा। हालांकि वहां भी डॉक्टरों ने यह कहते हुए परीक्षण करने से मना कर दिया कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं हुआ है और उन्होंने वापस पीड़िता को गढ़चिरौली ले जाने को कहा। पुलिस अधिकारी ने बताया, उस महिला को फिर गढ़चिरौली अस्पताल ले जाया गया और अंतत: 27 मई को एक स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा उसका परीक्षण किया गया। उस स्त्री रोग विशेषज्ञ को खासतौर पर पास के कुरखेड़ा से बुलाया गया था।
पुलिस अधिकारी का दावा है कि उन्होंने इन तीनों अस्पतालों के डॉक्टरों से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया था, लेकिन 27 मई तक डॉक्टरी जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उस महिला को आगे की जांच के लिए 29 मई तक सामान्य अस्पताल में रखा गया। संपर्क किए जाने पर गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और बलात्कार पीडि़ता की डॉक्टरी जांच में विलंब के दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। इस बीच पुलिस ने कहा कि बलात्कार के इस मामले में आरोपी उसी गांव का रहने वाला है और वह भाग निकला है और उसके आंध्र प्रदेश में छिपे होने का संदेह है। पुलिस ने दावा किया कि बलात्कार के इस मामले में आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।