दिल्ली सरकार ने किसी भी विवाद से बचने के लिए अब हर मीटिंग की रिकार्डिंग और सीधा प्रसारण कराने का फैसला लिया है।
दिल्ली सरकार मार्च में विधानसभा में पेश होने वाले बजट में यह प्रावधान रखेगी। सरकार की नीतियों से जुड़ी फाइलों पर कब किस मंत्री और अधिकारी ने क्या लिखा और कितना समय लगाया, इसका ब्यौरा भी वेबसाइट पर जनता के लिए डाला जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और अफसरों पर नकेल कसी जा सकेगी। केजरीवाल सरकार अफसरों पर फाइलें दबाने और विलंब करने का आरोप लगाती रही है।
बता दें कि 21 फरवरी को मुख्यसचिव पिटाई मामले के बाद से दिल्ली सरकार और नौकरशाही में तलवारें खिंच गई हैं। दिल्ली के सारे अफसर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। इस मामले में पिछले छह दिनों में दिल्ली सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ रहा है। जहां अफसरों की लामबंदी से दिल्ली का सारा काम खासा प्रभावित हो रहा, वहीं दिल्ली पुलिस लगातार विधायकों पर शिकंजा कसती जा रही है। 21 फरवरी की रात का सीसीटीवी फुटेज खंगालने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री के घर की तलाशी तक ले चुकी है और अब उस दिन मीटिंग में मौजूद रहे नौ विधायकों से दिल्ली पुलिस पूछताछ करेगी।