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दशहरा विशेष: कानपुर में है अनोखा मंदिर, जहां विराजमान हैं दशानन, दशहरा पर ही मिलते हैं दर्शन

दशहरे के दिन हर साल रावण का पुतला फूंका जाता है जबकि भगवान राम की पूजा की जाती है। इस दिन को अच्छाई की...
दशहरा विशेष: कानपुर में है अनोखा मंदिर, जहां विराजमान हैं दशानन, दशहरा पर ही मिलते हैं दर्शन

दशहरे के दिन हर साल रावण का पुतला फूंका जाता है जबकि भगवान राम की पूजा की जाती है। इस दिन को अच्छाई की बुराई पर जीत के प्रतीक के तौर पर भी मनाया जाता है। दरअसल, दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसीलिए इस दिन को विजयादशमी का पर्व भी कहते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा की जाती है। ये रावण का मंदिर है, जिसका नाम है दशानन मंदिर।

एबीपी की खबर के मुताबिक, रावण का मंदिर यूपी के कानपुर जिले में स्थित है, जो सालभर में सिर्फ आज के दिन ही दशानन मंदिर को खोला जाता है। दशहरा पर दशानन मंदिर में रावण की पूजा आरती पूरे विधि-विधान से की जाती है। रावण पुतला दहन से पहले मंदिर को बंद भी कर दिया जाता है। विजयादशमी के दिन इस मंदिर में पूरे विधि-विधान से रावण का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रृंगार किया जाता है। उसके बाद पूजन के साथ रावण की स्तुति कर आरती की जाती है। इस मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु यहां रावण के दर्शन को जुटते है।

शहर के बीचों-बीच बना ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। आज दशहरा पर सैकड़ो भक्त मंदिर में इकट्ठा होकर पूजा करने के साथ-साथ रावण की आरती भी करते हैं। लोगो का कहना है की रावण विद्वान था और वो भगवान शंकर का भक्त था इसलिए उसकी पूजा साल में एक बार की जाती है।

लंकेश के मंदिर की मान्यता है की मंदिर वर्ष 1868 में मंदिर स्थापित हुआ था। इस मंदिर में महिलाएं तरोई के फूल चढ़ाती हैं। इसके पीछे मान्यता है कि इससे उनके पति की आयु लंबी होती है।

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