छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा है। अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला लेवी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के तहत सोमवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों सहित कई स्थानों पर तलाशी ली।
बता दें कि 24 फरवरी से रायपुर में कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन होना है। उससे पहले कांग्रेस नेताओं के घर ईडी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। राज्य में पहले भी ईडी की टीम कई बार कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन पहली बार सीधे तौर पर कांग्रेसी नेताओं के घर पर टीम ने छापा मारा है।
यह छापेमारी राज्य की राजधानी रायपुर में 24-26 फरवरी तक कांग्रेस के तीन दिवसीय पूर्ण सत्र से पहले हुई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पार्टी का शासन है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कुछ विधायकों से जुड़े परिसरों सहित एक दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि ईडी उन लोगों की जांच कर रही है जो वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए कथित कोयला लेवी घोटाले के अपराध की आय के लाभार्थी रहे हैं।
एजेंसी के अनुसार, ईडी की जांच “एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनीतिक नेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक 'गिरोह’ द्बारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयला ढुलाई पर 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी”।
मामले में अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और एक कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि प्रदेश में 24 से 26 फरवरी तक कांग्रेस का महाअधिवेशन होने वाला है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खड़गे सहित कई दिग्गज नेता पहुंचने वाले हैं। महाअधिवेशन के ठीक पहले छापेमारी की इस घटना ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है।
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले बड़े स्तर पर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के घर ईडी की रेड से प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है।