‘‘मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना’’ से परेशान मध्यप्रदेश के किसानों का सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा। सोयाबीन के गिरते भाव और नगदी नहीं मिलने पर आगर-मालवा कृषि उपज मंडी में किसानों ने हंगामा किया और पत्थर फेंके। पत्थरबाजी में तहसीलदार मुकेश सोनी का सिर फट गया और कई जवान जख्मी हो गए। किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
आगर एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि करीब दो दर्जन किसानों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। मंडी में दीवाली के बाद से ही 50 हजार रुपये नगदी एव सोयाबीन के कम भाव को लेकर विवाद चल रहा है। सोमवार सुबह जब व्यापारियों ने बोली शुरू की तो कम भाव सुनकर किसान बिफर गए। किसानो का गुस्सा उस वक्त बेकाबू हो गया जब मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उनकी बातें अनसुनी कर दी। इसके बाद गुस्साए किसानों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। 22 तौल कांटे तोड़ दिए। पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की और मंडी परिसर स्थित एक कार्यालय में आग लगाने की कोशिश की। प्रशासन द्वारा उपज का उचित मूल्य दिलवाने का भरोसा देने के बाद किसान शांत हुए।
किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए शिवराज सरकार ने प्रायोगिक आधार पर यह योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार ने कृषि मंडियों में प्रत्येक किसान को 50 हजार रुपए तक नगद भुगतान के निर्देश हैं। पर व्यापारियों का कहना है कि बैंक पर्याप्त नगदी नहीं देते। ऐसे में किसानों को भुगतान करना संभव नहीं है। साथ ही यह योजना लागू होने के बाद से व्यापारियों ने उपज के दाम कम कर दिए हैं।