बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई के एक्शन को लेकर बड़ी खबर है। सीबीआई ने मामले की जांच के बाद एसएससी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक की भर्ती में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को हटा दिया गया था। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि एसएससी भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी 28 जुलाई से विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और एसएससी के पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को गिरफ्तार किया है।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">CBI ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में स्कूल सेवा आयोग (SSC) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और SSC के पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को गिरफ्तार किया है। <a href="https://t.co/siR4m20H1L">pic.twitter.com/siR4m20H1L</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href="https://twitter.com/AHindinews/status/1557349936756555776?ref_src=twsrc%5Etfw">August 10, 2022</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
गौरतलब है कि करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से भारी मात्रा में नकदी और गहनों की ढेर सारी तस्वीरें सामने आने के बाद मंत्री पार्थ चटर्जी पिछले एक हफ्ते से सुर्खियों में हैं। तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि शुरुआत में कहा था कि दोषी साबित होने तक वह चटर्जी को मंत्री पद से नहीं हटाएगी लेकिन अब पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है क्योंकि वह कथित भ्रष्टाचार का बचाव करने वाले के तौर पर नहीं दिखना चाहती। खासकर ऐसी स्थिति में जब बड़ी मात्रा में बरामद हुए नोटों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।
टीवी पर कैश के ढेर दिखाई देने के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि पार्टी के सीनियर लीडर ने हम सभी को शर्मिंदा किया है। टीएमसी प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि चटर्जी को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। वैसे बाद में घोष यह ट्वीट डिलीट कर दिया था और कहा था कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत राय जाहिर की थी।