Advertisement

इस गांव में वैक्सीन के लिए भगवान ने दी मंजूरी? बिना पूछे कुछ नहीं करते ग्रामवासी

हिमाचल प्रदेश में पार्वती घाटी और कुल्लू घाटी के बीच बसे मलाणा गांव के स्थानीय देवता जमदग्नि ऋषि ने...
इस गांव में वैक्सीन के लिए भगवान ने दी मंजूरी?  बिना पूछे कुछ नहीं करते ग्रामवासी

हिमाचल प्रदेश में पार्वती घाटी और कुल्लू घाटी के बीच बसे मलाणा गांव के स्थानीय देवता जमदग्नि ऋषि ने अपने लोगों को टीकाकरण की मंजूरी दे दी है। ग्राम पंचायत में जमदग्नि ऋषि या जमलू देवता की स्वीकृति के बिना कोई निर्णय नहीं लिया जाता है। अब तक यहां 2,100 लोगों में से किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

इस क्षेत्र में 19 मई को ग्राम पंचायत प्रधान राजू राम के कहने पर ग्राम समुदाय ने बैठक कर मामले पर विचार कर टीकाकरण पर सहमति जताई थी। जिसके बाद 45 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू करने के लिए टीमों का गठन किया गया। कुल्लू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ सुशील चंदर ने आउटलुक को बताया कि लॉन्च में मेरी भी योजना है।

इस योजना के बाद मलाणा गांव की एकमात्र आशा कार्यकर्ता निरमा देवी का अब काम शुरू हो जाएगा। देवी आउटलुक को बताती हैं कि ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए राजी करना बहुत कठिन काम था। उनमें से कईयों का मानना था कि अब तक गांव में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है, इसलिए वैक्सीन की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका मानना है कि वह देवता द्वारा संरक्षित हैं। वह किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। बीमारी हम तक नहीं पहुंचेगी। वह कहती हैं कि वह बहुत निराश हो गई और उन्होंने नौकरी छोड़ने के बारे में सोचा, लेकिन फिर जमलू देवता ने उन्हें मंजूरी दे दी।

प्रधान राजू राम बताते हैं कि ग्रामीणों के बीच टीकाकरण के बारे में बहुत सारे मिथक और भ्रांतियां थीं। मैंने उन्हें साफ तौर पर कहा कि हम आइसोलेट नहीं रह सकते और वैज्ञानिक तर्कों को नहीं नकार सकते। टीकाकरण इस महामारी से बचने का एक मात्र उपाय है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad