Advertisement

दिल्ली प्रदूषण: कल से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ़ शुरू होगा अभियान, बैठक में लिए गए ये फैसले

दिल्ली में दिवाली के अवसर पर हुई अतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण में एक बार फिर वृद्धि देखने को मिली।...
दिल्ली प्रदूषण: कल से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ़ शुरू होगा अभियान, बैठक में लिए गए ये फैसले

दिल्ली में दिवाली के अवसर पर हुई अतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण में एक बार फिर वृद्धि देखने को मिली। इसके बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा बुलाई गई बैठक में कई फैसले लिए गए। गोपाल राय ने सोमवार को बताया कि सरकार ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अपने अभियान को 30 नवंबर तक बढ़ाने और 14 नवंबर से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, " केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के चरण IV के तहत दिल्ली में निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित कड़े कदम अगले आदेश तक दिल्ली में जारी रहेंगे।"

उन्होंने कहा," दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अपने अभियान को 30 नवंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 14 नवंबर से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू किया जाएगा।"

दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में उछाल दर्ज किया गया और दिवाली की रात निवासियों द्वारा पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने के बाद सोमवार सुबह धुंध छा गई। गौरतलब है कि शहर ने रविवार को दिवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता दर्ज की, जिसका 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजे 218 पर था।

हालांकि, रविवार देर रात तक पटाखे फोड़े जाने से कम तापमान के बीच प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई। गोपाल राय ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े लोगों ने दूसरों को दिवाली पर पटाखे जलाने के लिए उकसाया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक में रातोंरात 100 अंक से अधिक की वृद्धि हुई।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि दिल्ली में जलाए गए पटाखे उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लाए गए थे और इन राज्यों की पुलिस सहित कुछ लोगों ने उन पटाखों को शहर में ले जाने की अनुमति दी थी। राय ने कहा, "अगर इन राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया होता और उनकी पुलिस ने अपना कर्तव्य ठीक से निभाया होता, तो दिल्ली को परेशानी नहीं होती।"

बता दें कि सुबह 7 बजे एक्यूआई 275 (खराब श्रेणी) पर था और दोपहर 12 बजे तक धीरे-धीरे बढ़कर 322 हो गया। आयानगर (382), सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (393) और पूसा (391) सहित कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी (एक्यूआई 400 और 450 के बीच) के करीब पहुंच गया।

पीएम 2.5 की सांद्रता, सूक्ष्म कण जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन समस्याओं को ट्रिगर कर सकते हैं, इन क्षेत्रों में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक है। पटाखे फोड़ने से राजधानी में ओखला और जहांगीरपुरी सहित कई स्थानों पर सुबह के समय पीएम 2.5 की सांद्रता 1,000 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक हो गई।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad