चंडीगढ़, पिछले साल ई-बजट के नाम पर हरियाणा के सभी 90 विधायकों को बजट के दिन दिए टैब खिलोने हुए कि अब पारदर्शिता व भ्रष्ट्राचार मुक्ति के नाम पर हरियाणा विधानसभा को कागज रहित विधानसभा बनाने पर 20 करोड़ रुपए खर्चे जा रहे हैं। 90 में से बहुत से विधायक ऐसे हैं जो स्मार्ट फोन भी सही से नहीं चला पाते उनके लिए मुख्यमंत्री द्वारा बजट देखने के लिए दिए गए टैब खिलाने से अधिक नहीं हैं। इधर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा दावा किया जा रहा है कि ई-विधान से अकेले विधानसभा सालभर में करीब 15 करोड़ रुपए की स्टेशनरी और कागज बचाएगा। हिमाचल प्रदेश के बाद हरियाणा को देश की दूसरी विधानसभा को कागज रहित बनाने की शुरुआत करने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान अनुप्रयोग के तहत एक त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए गए। गुप्ता ने कहा कि 20 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना का व्यय केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा 60:40 अनुपात में वहन किया जाएगा। केंद्र 12 करोड़ और राज्य सरकार 8 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
गुप्ता ने कहा कि जब से उन्होंने विधान सभा के अध्यक्ष के पद की जिम्मेवारी सम्भाली है वे ई-विधान सभा अवधारणा को लागू करने के लिए प्रयासरत हैं। कोविड-19 के चलते आज उस कड़ी में हम आगे बढ़े हैं। समझोते के तहत केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय तीन वर्ष तक इस योजना को पूरा करने के लिए विधान सभा के कर्मचारियों के साथ-साथ आईटी सैल से जुड़े कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा। उन्होंने कहा कि देश में हिमाचल प्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जिसकी विधान सभा को कागजरहित कर ई-मोड पर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का एक दल वहां विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए एक व दो मार्च को शिमला के अध्ययन दौरे पर जाएगा।
विधान सभा पुस्तकालय से लेकर हरियाणा के 1966 में अस्तित्व मंे आने तक विधानसभा की तमाम कार्रवाई का ब्यौरा को भी डिजिटलीकरण किया जाएगा। विधान सभा की कार्यवाही के लिए बड़ी संख्या में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षित प्रस्ताव, अध्यादेश व बिल तथा अन्य विधायी कार्य पूरा करने के लिए सत्र के दौरान भारी मात्रा में कागज का इस्तेमाल किया जाता है। अब इस समझौते के बाद कागज की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी।
विधान सभा कमेटी में विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता अध्यक्ष, विधायक असीम गोयल, नैना सिंह चौटाला, प्रमोद विज, सुधीर कुमार सिंगला, चिरंजीव राव, वरूण चौधरी और नयन पाल रावत को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव भी इस कमेटी के सदस्य होंगे जबकि हरियाणा विधान सभा सचिवालय के सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इसी प्रकार, राज्य परियोजना परिवीक्षण इकाई-सह-राष्ट्रीय ई-विधान अनुप्रयोग कमेटी में हरियाणा विधान सभा सचिवालय के सचिव अध्यक्ष होंगे जबकि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, वित्त विभाग एवं संसदीय कार्य मामले विभागों के सचिव, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के राज्य इनफर्मेटिक अधिकारी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे।