हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री ओपी धनखड़ ने महिला बॉक्सिंग चैंपियनों को एक कार्यक्रम में सम्मानित किया। उन्होंने बॉक्सरों को भैंस के दूध के मुकाबले गाय के दूध के बहुत सारे फायदे गिनाए। गाय के दूध के मुरीद मंत्री ने घोषणा कर दी कि सभी चैंपियन मुक्केबाजों को देसी गाएं पुरस्कार स्वरूप दी जाएंगी।
हरियाणा बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रमुख धनखड़ की घोषणा सुन कर खिलाड़ी रोमांचित हैं। 48 किलोवर्ग में खेलने वाली नीतू का कहना है कि उन्हें बहुत से इनाम मिले लेकिन कभी गाय नहीं मिली। उनके ईनाम में मूर्तियों से लेकर किताबें भी हैं। पर असली गाय की बात ही अलग है।
धनखड़ का मानना है कि गाय एक्टिव रहती है जबकि भैंस ज्यादातर वक्त सोती है। उन्होंने कार्यक्रम में ये भी कहा, ‘‘इन मुक्केबाजों ने दुनिया में देश का नाम ऊंचा किया है और हम उन्हें और अच्छा प्रदर्शन करते देखना चाहते हैं।”
इनाम में दी जाने वाली गाएं देसी होंगी जो 10 लीटर से ज्यादा दूध देंगी। सभी छह मुक्केबाजों, नीतू (48 किलो), ज्योति गुलिया (51 किलो), साक्षी धंदा (54 किलो), शशि चोपड़ा (57 किलो) और कांस्य पदक जीतने वाली अनुपमा और नेहा यादव (दोनों 81 किलो) को अपना पता देने को कहा गया है। जल्द ही राज्य सरकार उनके घर गाय भेजने का प्रबंध कर रही है।
खिलाड़ियों को नकद राशि, मकान, महंगी गाड़ियां और सबसे ऊपर सरकारी नौकरी का इनाम तो सभी ने सुना है। अब इस सूची में गाय भी जुड़ गई है। तो क्या यह समझा जाए कि गाय माता नए रूप में फिर सामने आ गई हैं। हो सकता है अगले कार्यक्रम में मंत्री जी चारे की भी कोई योजना ला दें। खिलाड़ियों को अपनी खुराक के लिए भी कई बार जुगत लगानी पड़ती है ऐसे में गाय की खुराक कहीं उन पर अतिरिक्त बोझ न बन जाए।