उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। आदेश के मुताबिक कोर्ट में पीड़िता के परिवार और यूपी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी पेश हुए। कोर्ट में लखनऊ बेंच के समक्ष यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता वी के शाही ने कहा, कोर्ट ने पीड़िता के परिवार वालों से पूछताछ की है। हमारे उच्च अधिकारियों से भी कोर्ट ने पूछताछ की है। मामला अभी विचाराधीन है। मामले में अगली तारीख 2 नवंबर है।
एक अक्टूबर को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी हाथरस और पुलिस अधीक्षक हाथरस को तलब किया था। कोर्ट ने पीड़िता के मां-पिता, भाई व बहन को भी हाजिर होने को कहा था।
इससे पहले पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने हाथरस कांड में हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट व जानलेवा हमले समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है और हाथरस पहुंचकर जांच भी शुरू कर दी है। सीबीआई ने हाथरस के चंदपा थाने में युवती के भाई की ओर से 14 सितंबर को दर्ज कराई गई एफआईआर को ही अपने केस का आधार बनाया है। जांच महिला डिप्टी एसपी सीमा पाहूजा करेंगी। सीबीआई ने केस में दुष्कर्म को शामिल जरूर किया है, लेकिन इससे पहले सफदरगंज अस्पताल (दिल्ली) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगरा की फोरेंसिक लैब में इसकी पुष्टि नहीं