सरकार में शामिल रहने पर अमूमन सत्ता के दुरुपयोग, कानून ताक पर रखकर धनार्जन के आरोप लगते हैं। मगर हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री अलमगीर आलम के होटल पर तो आफत है। रघुवर सरकार के समय भी जो कार्रवाई नहीं हुई उससे बढ़कर अपनी सरकार में हो रही है। सरकार गिराने की साजिश का खेल शुरू होने के बाद आलमगीर आलम के होटल के खिलाफ कार्रवाई सतह पर दिखने रही है। यह होटल उनकी पत्नी के नाम पर है। रांची के प्राइम इलाका हिनू में है, नाम है इमराल्ड। चुनाव घोषणा पत्र में इसकी कीमत 75 लाख रुपयये बताई गई थी।
होटल को लेकर नगर निगम का आरोप है कि नक्शा का विचलन कर इसका निर्माण किया गया है और बगल से बहने वाली हिनू नदी की जमीन का भी अतिक्रमण किया गया है। इस आरोप को लेकर भाजपा की रघुवर सरकार के समय रांची नगर निगम ने 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। मगर जुर्माने की राशि अदा नहीं की गई। प्रबंधन ट्रिब्यूनल में अपील में चला गया। इस साल जनवरी में ही नगर निगम ने पुन: नोटिस जारी किया। नक्शे की जांच हुई तो स्पष्ट हुआ कि सिर्फ एक फ्लोर का ही व्यावसायिक नक्शा पास है। शेष आवासीय है। चौथा और पांचवां फ्लोर बिना नक्शा के है और बेसमेंट में पार्किंग के बदले किचन और रेस्टोरेंट का संचालन हो रहा है। निगम ने इसके एवज में 2.68 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
बुधवार को ही नगर आयुक्त के कोर्ट ने 72 घंटे की मोहलत देते हुए जुर्माना नहीं अदा करने पर इसे सील करने का आदेश जारी किया। जिसकी मियाद शनिवार को खत्म हो गई। रविवार को निगम कार्यालय बंद रहने के कारण सोमवार को इसे सील करने की कार्रवाई की जायेगी। लोग व्यवधान पैदा न करें इसके लिए नगर निगम ने रांची डीसी से पर्याप्त संख्या में फोर्स और मजिस्ट्रेट की मांग की है। इस बीच नदी के किनारे को अतिक्रमण कर बनाया गया जेनरेटर रूम और स्टाफ रूम को तोड़ दिया गया है। हाल ही रांची हाई कोर्ट ने शहर के किसी भी जलस्रोत के 50 फीट के क्षेत्र में निर्माण को अतिक्रमण मानते हुए इसे हटाने का निर्देश दिया था। नगर निगम ने बाउंड्री तो तोड़ ही दिया पूरे होटल को भी कार्रवाई के जद में ले लिया। कांग्रेस से जुड़े लोग होटल पर कार्रवाई को दूसरी नजर से भी देख रहे हैं।