हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के लंबागांव में मंगलवार को दिलदहला देने वाला वाकया सामने आया है। जहां 19 वर्षीय युवक ने फेसबुक पर अपनी आत्महत्या का लाइव स्ट्रीमिंग कर खुद को फांसी से लटका लिया। इस घटना में युवक की जान चली गई। घटना के वक्त किशोर अपने घर पर बिल्कुल अकेला था। पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुत रंजन ने इसकी पुष्टि की है।
पुलिस ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला मामला है जब किसी ने आत्महत्या करके अपनी मौत का लाइव-स्ट्रीम किया। इस मामले ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है, जहां वर्तमान में कोविड -19 संकट से जूझ रहा है और इस क्षेत्र के परिवारों के लिए गंभीर संकट का कारण बना है।
बताया गया कि मृतक के पिता सुरिंदर कुमार ने भी छह साल पहले आत्महत्या की थी। जिसके बाद मृतक की मां बद्दी-ब्रोटीवाला के औद्योगिक क्षेत्र में कम वेतन वाले निजी कर्मचारी के तौर पर काम कर अपने एक बेटी सहित अपने दो बच्चों को पाल रही थी। मृतक की उसकी मां और उसकी बहन बद्दी में रह रहे थे, दो महीने पहले ही मृतक ऋषभ कुमार अकेला घर लौटा था।
पुलिस के अनुसार, एक चचेरे भाई और चाची सहित ऋषभ के कुछ रिश्तेदारों ने उसे फेसबुक पर लाइव देखा। जहां वह अपनी जिंदगी से तंग आ कर खुद को मारने की योजना के बारे में बात कर रहा था।
फेसबुक पर उसे देखने के बाद रिश्तेदारों ने उसे फोन कर बात करने की कोशिश की और सलाह दी की वह कोई गलत कदम न उठाए। उसकी चाची ने उसे बचाने के लिए कई रिश्तेदारों से संपर्क किया, लेकिन कोई भी ऋषभ से साथ संपर्क नहीं कर पा रहा था।
आत्महत्या को अंजाम देने और फेसबुक लाइव करने के लिए ऋषभ ने अपना फोन खिड़की के बगल में रख दिया था। जिससे उनकी मौत रिकॉर्ड की जा सके।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऊना जिले में उनकी ओर से भी फेसबुक द्वारा संपर्क किया गया था। जिससे उसे बचाया जा सके। उन्होंने कांगड़ा पुलिस को भी इसकी सूचना दी। लेकिन युवक की जान बचाने में बहुत देर हो चुकी थी। सूचना मिलने पर जब स्थानीय पंचायत प्रधान और कुछ परिजन उसके घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। उन्होंने जब दरवाजा तोड़ा तो युवक पंखे से लटका हुआ था।
इलाके में एक और वारदात
मंगलवार को ही सोलन जिले में इसी तरह से एक अन्य युवक ने सोशल मीडिया पर नोट पोस्ट कर आत्महत्या की घोषणा कर खुद की जान ले ली। मृतक युवक ने स्वीकार किया था कि वह आर्थिक तंगी में है जिससे उसका गुजारा मुश्किल हो गया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल में आत्महत्या के मामलों में तेजी देखी गई है, जो तीन जिलों - शिमला, मंडी और कांगड़ा में प्रति लाख आबादी पर लगभग 10 आत्महत्याएं हैं।