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एएमयू से उठी हिंदू युवा वाहिनी पर प्रतिबंध की मांग

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को आतंकवाद की नर्सरी कहने पर भड़के एएमयू छात्रों ने हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील सिंह व अन्य नेताओं की गिरफ्तारी और प्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि 19 सितंबर की रात यूनिवर्सिटी कैंपस में रसायन विभाग के सामने छात्र आलमगीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे छात्रों में आक्रोश है। आलमगीर यूनिवर्सिटी में सामाजिक कार्य विषय में स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र थे।
एएमयू से उठी हिंदू युवा वाहिनी पर प्रतिबंध की मांग

आलमगीर को न्याय दिलवाने और  प्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी पर प्रतिबंध के लिए इन छात्रों का लगातार आंदोलन जारी है। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि वाहिनी नेताओं की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कलक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा। छात्रों ने बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ थाना सिविल लाइन में तहरीर भी दी। गौरतलब है कि बीते बुधवार को अलीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने एएमयू को आतंकवाद की नर्सरी कहा था। कुछ अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद एएमयू छात्रों ने विरोध मार्च निकाला और वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह समेत अन्य नेताओं का पुतला भी दहन किया।

 

छात्र नेता जानिब हसन का कहना है कि इस ऐतिहासिक विश्वविद्लाय से दुनिया के नामी लोग निकले हैं, इसे आतंकवाद की नर्सरी कहने के मतलब किसी के गुस्से का इम्तिहान लेना है। हसन के अनुसार एएमयू छात्रों को हर कीमत पर सुनील सिंह की गिरफ्तारी चाहिए। छात्र नेता अफ्फाक अहमद बताते हैं कि इस तरह की बातें खुलेआम किए जाने का मतलब सोचा जा सकता है। इस यूनिवर्सिटी में तमाम धर्मों के लोग पढ़ते हैं लेकिन हमेशा से एएमयू कुछ हिंदू नेताओं के निशाने पर रही है। उनके अनुसार इस प्रकार के ब्यान माहौल खराब करने में देर नहीं लगाएंगे। विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शहजाद आलम बर्नी कहते हैं कि हिंदू युवा वाहिनी जैसे सांप्रदायिक संगठन देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा हैं। एएमयू हमेशा से वतन परस्त संस्थान रहा है और यहां से निकलने वालों ने देश की आजादी में भी अहम भूमिका निभाई है।     

 

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