कश्मीर उच्च न्यायालय के जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस जनक राज कोतवाल की डिविजन बेंच ने एडवोकेट परिमोक्ष सेठ की जनहित याचिका पर बुधवार को यह आदेश दिया। इस संबंध में सेठ ने वर्ष 2014 में जनहित याचिका दायर की थी। इससे पहले महाराष्ट्र में गोमांस पर पाबंदी लग ही चुकी है। लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है इसलिए इसे भेदभावपूर्ण फैसला बताया जा रहा था। अब मुस्लिम बहुल कश्मीर में इस प्रकार के फैसले की तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। अलगाववादी नेता इससे नाखुश हैं।