जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। सुरक्षा में लगे स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) को हटाया जा सकता है। अभी जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व मुख्यत्रियों- फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को एसएसजी सुरक्षा मिली हुई है। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साल 2000 में बनी इस पूरी यूनिट को छोटा करने का फैसला लिया है।
अधिकारियों के मुताबिक यह फैसला एसएसपी रैंक का अधिकारी देखता था लेकिन अब इनकी सुरक्षा डीएसपी रैंक में अधिकारी देखेंगे।
हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि एसएसजी के आकार को कम करने पर फिर से विचार किया जा रहा है क्योंकि पुलिस बल के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे एलीट यूनिट की तैयारियों में बाधा आ सकती है। एसएसजी को अब नई जिम्मेदारी दी जाएगी। जिमें उनको मौजूदा मुख्यमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का यह निर्णय ऐसे लिया गया है जब श्रीनगर में कई आतंकी घटनाएं हुईं हैं। गुलाम नबी आजाद को छोड़कर बाकी सभी पूर्व मुख्यमंत्री श्रीनगर में ही रहते हैं। हालांकि, फारूक अब्दुल्ला और आजाद को सुरक्षा समीक्षा समन्वय समिति की ओर से लिया गया है। यह वह ग्रुप है जो जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा की देखरेख करता है। पहले इन वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा डीआईजी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), जिसे ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है, की सुरक्षा मिलती रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों नेताओं को सरकार की ओर से जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।