नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और सांसद मोहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल लोन पर सोमवार को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया है। पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से हिलाल लोन को एहतियातन हिरासत में रखा गया है।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद हिलाल लोन 5 अगस्त से प्रिवेंटिव डिटेंशन में था। अब मुख्यधारा के नेताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई का यह सातवां मामला है। सोमवार सुबह डिप्टी कमिश्नर ने एक डोजियर हिलाल लोन को सौंपा और उन्हें इस बात की जानकारी दी कि उनके खिलाफ पीएसए के तहत कार्रवाई हुई है। स्थानीय प्रशासन का मानना है कि अगर उन्हें रिहा किया जाएगा तो उत्तर कश्मीर में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। मोहम्मद अकबर लोन लोकसभा में उत्तरी कश्मीर के बारामूला का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कई नेताओं पर की है कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कई नेताओं के खिलाफ पीएसए के तहत कार्रवाई की है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला के खिलाफ भी पीएसए लगा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उमर अब्दुल्ला की बहन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में कोर्ट ने याचिका दाखिल करने की अनुमति दी। उमर अब्दुल्ला 5 अगस्त, 2019 से सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में थे।
उमर अब्दुल्ला ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
इस कानून के तहत, उमर अब्दुल्ला की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि गुरुवार यानी 5 फरवरी 2020 को खत्म होने वाली थी। लेकिन 5 जनवरी को सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगा दिया है। उमर अब्दुल्ला की बहन की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि वो विचार करेंगे।