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झारखंडः सर्वदलीय बैठक के बाद कठोर निर्णय लेगी सरकार, सचिवालय में आधी संख्‍या से होगा काम, बंद हुए बार भवन

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच हेमन्‍त सरकार दूसरे प्रदेशों की तरह कर्फ्यू जैसे कठोर विकल्‍प...
झारखंडः सर्वदलीय बैठक के बाद कठोर निर्णय लेगी सरकार, सचिवालय में आधी संख्‍या से होगा काम, बंद हुए बार भवन

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच हेमन्‍त सरकार दूसरे प्रदेशों की तरह कर्फ्यू जैसे कठोर विकल्‍प पर विचार कर रही है। मगर विपक्ष को आक्रमण का कोई मौका न मिले इसे ध्‍यान में रखते हुए सभी दलों से प्रतिबंध पर निर्णय के लिए रायशुमारी की जायेगी। मुख्‍यमंत्री सचिवालय के अनुसार मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन की अध्यक्षता में शनिवार की शाम 6.30 बजे वर्चुअल माध्‍यम से सर्वदलीय बैठक होगी। उनसे विचार विमर्श और सुझाव के बाद सरकार निर्णय करेगी। गुरुवार को आपदा प्रबंधन से जुड़े लोगों, जिलों के डीसी और सिविल सर्जनों से विमर्श के बाद शुक्रवार को एक दौर और की बैठक के बाद निर्णय की उम्‍मीद थी। अब यह निर्णय शनिवार को सर्वदलीय विमर्श के बाद लिया जायेगा। मुख्‍यमंत्री हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं। पहली प्राथमिकता संक्रमित लोगों की जान बचाना है। उन्‍होंने कहा है कि हालात पर नियंत्रण के लिए जल्‍द कई और कड़े कदम उठाये जायेंगे।17 अप्रैल को मधुपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए मतदान का काम भी पूरा हो जायेगा।   इधर शुक्रवार को खुद मुख्‍यमंत्री के आवासीय कार्यालय के पांच कर्मी कोरोना संक्रमित पाये गये। वहीं शुक्रवार को एक आदेश जारी कर पिछलीबार की तरह अगले आदेश तक झारखण्‍ड मंत्रालय एवं संलग्‍न कार्यालयों में अवर सचिव से नीचे के कर्मियों की 50 प्रतिशत तक उपस्थिति सीमित कर दी गई है। साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा किये जा रहे काम की निगरानी और समीक्षा के लिए तीन आइएएस अधिकारी को विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्‍य के सभी अदालतों में बार भवनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। स्‍टेट बार काउंसिल ने अपने फैसले से सभी जिला और अनुमंडल बार एसोसिएशन को अवगत करा दिया है। दूसरी तरफ सचिवालय सेवा संघ ने 19 से 23 अप्रैल तक मिनी लॉक डाउन लगाने की सरकार से मांग की है। ऐसा नहीं करने पर सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। कहा गया है कि न्‍यूनतम संख्‍या से ही सचिवालय का काम हो। जरूरी होने पर ही लोगों को कार्यालय बुलाया जाये।

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