आईबीएन लाइव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्री को या तो यह पता नहीं था कि जीवित व्यक्तियों को श्रद्धांजलि नहीं दी जाती है या फिर उनकी जानकारी में डॉ. कलाम गुजर चुके हैं। लिहाजा उन्होंने ‘भारत के मिसाइसल मैन’ की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए विशुद्ध श्रद्धांजलि शैली में उसके समक्ष नारियल भी रख दिया। उन्होंने स्कूली बच्चों से भी कहा कि उन्हें उनका सम्मान करना चाहिए।
हालांकि बाद में नीरा यादव ने अपनी सफाई में कहा कि महान नेताओं की तस्वीरें भी सम्मान के काबिल होती हैं इसलिए उनके सम्मान में माल्यार्पण करना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि महान वैज्ञानिक और नेता की तस्वीर पर माल्यार्पण करने में कोई बुराई नहीं है। वैसे किसी शिक्षा मंत्री को किसी स्कूल के कार्यक्रम में जाने से पहले अपना सामान्य ज्ञान दुरुस्त कर लेना चाहिए कि किसी महान नेता की तस्वीर पर माला नहीं डाली जा सकती जो जिंदा हैं।