श्रद्धालु अब रोजाना चार घंटे देवघर के बाबा वैद्यनाथ यानी द्वादश ज्योतिर्लिंग और दुमका के बासुकीनाथ यानी फौजदारी बाबा का दर्शन कर सकेंगे। झारखंड सरकार ने कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति दे दी है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बुधवार को देवघर और दुमका के उपायुक्त को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और दोनों उपायुक्तों से रायशुमारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह अनुमति दी है।
राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की है। सिर्फ राज्य के लोगों को ही दर्शन का लाभ मिलेगा। रोजाना सिर्फ चार घंटे ही दर्शन की अनुमति है। प्रति घंटे अधिकतम 50 श्रद्धालु बाबा वैद्यनाथ का और 40 श्रद्धालु बासुकीनाथ का दर्शन कर सकेंगे।
दर्शन के ऑनलाइन आवेदन के आधार पर व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कोविड 19 के तहत जारी निर्देश के आलोक में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजेशन की अनिवार्यता रहेगी।
कोरोना संक्रमण के साथ ही झारखंड सरकार ने तमाम मंदिरों, धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रोक लगा दी थी। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सावन के दौरान कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए बाबाधाम मंदिर खोलने की अनुमति को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
उच्च न्यायालय में हार के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। श्रावणी मेले के महत्व, कांवड़ यात्रा और हजारों लोगों के रोजगार को देखते हुए निशिकांत दुबे चाहते थे कि बाबाधाम और बासुकीनाथ मंदिर खुले।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मंदिर प्रबंधन समिति और वहां के उपायुक्तों से विमर्श के बाद झारखंड सरकार ने शर्तों के साथ दोनों मंदिरों को खोलने की अनुमति दे दी है। मंदिर खोलने के सरकार के आदेश पर निशिकांत दुबे ने आउटलुक से कहा कि सत्य की जीत हुई है। श्रद्धालुओं को इससे राहत महसूस होगी।
फूल-माला व प्रसाद के कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। मालूम हो कि सावन के दौरान देश में सर्वाधिक बाबाधाम में ही लोग द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण करते हैं। रोजाना कोई एक लाख से अधिक लोग, सोमवार को यह संख्या बढ़कर कोई चार-पांच लाख तक पहुंच जाती है।