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केरल विस्फोट : केंद्रीय राज्यमंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज, भाजपा ने की आलोचना

विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने वाले बयान देने के आरोप में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव...
केरल विस्फोट : केंद्रीय राज्यमंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज, भाजपा ने की आलोचना

विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने वाले बयान देने के आरोप में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम की मंगलवार को आलोचना की।

भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि पिनरायी विजयन सरकार की इस कार्रवाई का मकसद विभाजनकारी ताकतों और चरमपंथी विचारों वाले लोगों की ‘‘मदद करना’’ और उन्हें ‘‘बढ़ावा’’ देना है। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह पिनरायी विजयन सरकार के दोहरे मानदंडों को दिखाता है।’’

पार्टी ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मामले से राजनीतिक और कानूनी दोनों तरीके से निपटेगी।

केरल पुलिस ने कोच्चि विस्फोट और हाल में राज्य के मलप्पुरम जिले में एक इस्लामिक समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हमास नेता के एक वर्चुअल संबोधन के संबंध में सोशल मीडिया पर मंत्री के बयानों को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है।

कोच्चि शहर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) (उपद्रव करना और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

सुरेंद्रन ने कोच्चि बम विस्फोटों को ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन के खिलाफ मामला दर्ज न करने को लेकर वामपंथी सरकार और पुलिस की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि इजराइल पर हमास के हमले की प्रशंसा करने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के विधायक एम के मुनीर और माकपा नेता एम. स्वराज के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सरकार हाल में राज्य के मलप्पुरम जिले में एक कार्यक्रम आयेाजित करने वाले इस्लामिक समूह के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तैयार नहीं है जिसमें हमास नेता ने वर्चुअल रूप से लोगों को संबोधित किया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन वे एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं जिन्होंने इसके खिलाफ बोला। यह प्राथमिकी वोट बैंक की राजनीति के आधार पर एक घृणित फैसला है। इसका मकसद आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ हासिल करना है।’’

 

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मामला उन लोगों को खुश करने के लिए दर्ज किया गया है जो देश के खिलाफ हैं और जो देश से प्यार नहीं करते हैं।

रविवार को कोच्चि के समीप कलमश्शेरी में ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय की धार्मिक सभा में बम विस्फोट की खबरों के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कुछ पोस्ट किए थे।

उन्होंने कहा था, ‘‘भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक बदनाम मुख्यमंत्री (और राज्य के गृह मंत्री) पिनराई विजयन की गंदी बेशर्म तुष्टीकरण की राजनीति। दिल्ली में बैठकर इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि केरल में आतंकवादी हमास द्वारा जिहाद के खुले आह्वान के कारण निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम विस्फोट हो रहे हैं।’’

इसके बाद मुख्यमंत्री और चंद्रशेखर के बीच सोमवार को जुबानी जंग हुई। भारतीय जनता पार्टी के नेता ने विजयन को ‘‘झूठा’’ बताया और इस पर पलटवार करते हुए विजयन ने केंद्रीय राज्यमंत्री को ‘‘बेहद जहरीला’’ करार दिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर कोई कानून का उल्लंघन करने वाले बयान देता है, भले ही वह केंद्रीय या राज्य मंत्री ही क्यों न हो, तो उसके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे।

इस बीच, कांग्रेस ने केरल के पुलिस प्रमुख के समक्ष राज्य में साम्प्रदायिक द्वेष फैलाने के उद्देश्य से की गई कथित टिप्पणियों के लिए चंद्रशेखर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के एंटनी, गोविंदन, एर्नाकुलम के पूर्व सांसद सेबेस्टियन पॉल, भाजपा के पूर्व प्रवक्ता संदीप जी वेरियर और तृणमूल कांग्रेस की दक्षिण भारतीय इकाई के संयोजक रीवा थुलूर फिलिप के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी।

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) की डिजिटल मीडिया शाखा के संयोजक सरीन पी ने ये शिकायतें दर्ज करायी। उन्होंने राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए इन लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

केरल में कोच्चि के समीप कलमश्शेरि में ईसाई समुदाय ‘यहोवा के साक्षी’ के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को सुबह धमाके हुए थे। इस ईसाई धार्मिक समूह की स्थापना 19वीं सदी में अमेरिका में की गयी थी।

घटना के कुछ घंटों बाद ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का असंतुष्ट सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने त्रिशूर जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुए इन धमाकों की जिम्मेदारी ली।

शुरुआत में विस्फोटों में एक महिला की मौत हुई और 60 अन्य घायल हुए थे जिनमें से छह की हालत गंभीर थी। इसके बाद गंभीर रूप से घायलों में से 53 वर्षीय महिला की मौत हो गयी। सोमवार को सुबह, हादसे में 95 फीसदी तक झुलसी 12 वर्षीय लड़की की भी मौत हो गयी।

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