केरल के वायनाड जिले के आपदाग्रस्त मुंडक्कई में जारी तलाश अभियान के बीच बचावकर्मियों का कहना है कि भूस्खलन में उखड़े विशाल पेड़ों को हटाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत है। इन पेड़ों के नीचे कई घर दब गए हैं।
एक बचावकर्मी ने मीडिया को बताया, ‘‘हम एक इमारत की छत पर खड़े हैं और नीचे से बदबू आ रही है, जो शवों की मौजूदगी का संकेत है। इमारत पूरी तरह से कीचड़ और उखड़े हुए पेड़ों से ढकी हुई है।’’
उन्होंने कहा कि अभियान के लिए खुदाई करने वाली मशीनें उपलब्ध हैं लेकिन वे इस काम के लिए अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विशाल पेड़ों को हटाने और ढह गई इमारतों में तलाश अभियान चलाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत है। तभी हम तलाश अभियान में प्रगति कर सकते हैं।’’
वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 173 तक पहुंच गई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने मलबे में और शव दबे होने की आशंका जताई है।
भारी बारिश के कारण हुए विनाशकारी भूस्खलन ने मंगलवार की सुबह मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा की बस्तियों को तबाह कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।