नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। एक महीने से अधिक समय से देशभर के किसान संगठन राजधानी दिल्ली में डटे हुए हैं। हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्र इसमें संशोधन की बात कह रही है। वहीं,पटना में आज यानी मंगलवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से मार्च निकाला गया। ये मार्च राजभवन तक निकाला गया। इस दौरान पुलिस ने मार्च को रोक दिया। जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।
केंद्र और किसानों के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। अब कल यानी बुधवार केंद्र और किसानों के बीच सातवें दौर की बातचीत होगी। इसे लेकर कृषि मंत्रालय ने सोमवार को पत्र जारी किए। केंद्र कानून में संशोधन की बात कह रही है जबकि किसानों ने इसे वापस लेने की बात कही है।
बातचीत को लेकर किसान संगठनों ने सरकार के सामने चार शर्तें भी रखी हैं। साथ ही किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें। किसानों का कहना है कि पहले सरकार तीनों नए कृषि कानून रद्द करे। दूसरे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी दी जाए। तीसरे बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग है और चौथे पराली कानून से किसनों को बाहर रखा जाए। कृषि कानूनों के प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया।