केली बंगला यानी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) रांची के निदेशक वाला जेल बंगला का माहौल बुधवार को मंगल की तरह खुशनुमा नहीं है। कुछ बुझा-बुझा सा है। कल की तरह लालू प्रसाद ठंड में धूप का आनंद लेने बागीचे में नहीं बैठे। आसमान में बादल के कारण धूप भी खुलकर नहीं निकली है। सुबह नौ बजे के बाद तक सोये रहे। दरअसल मंगलवार देर रात तक टीवी पर चुनावी रुझान-रिजल्ट देखते रहे। कल की तरह केली बंगला के बाहर प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया वाले नहीं हैं। बाहर सन्नाटा है। लालू प्रसाद भी उदास हैं पर निराश नहीं। बिहार विधानसभा के चुनाव में बेटे तेजस्वी के नेतृत्व में पार्टी के परफार्मेंस से खुश, मगर सत्ता हाथ में नहीं आने से निराश। एक्जिट पोल में लालू प्रसाद की पार्टी वाले राजद महागठबंधन को बहुमत में दिखाया गया था।
मंगलवार को मतों की गिनती थी। उसका असर लालू प्रसाद के मनोमिजाज पर भी था। दोपहर बाद महागठबंधन को पिछड़ता देख लालू प्रसाद की बेचैनी बढ़ रही थी। शाम में ट्रेंड देर तक स्थिर जैसा रहा तो लालू प्रसाद की बेचैनी और बढ़ी। आंखों पर चश्मा नहीं था, टीवी धुंधला दिख रहा था, सेवादार से कहा रुझान बदल क्यों नहीं रहा, चैनल बदल दो। सीमांचल का क्या हाल है, दूसरे चैनलों पर भी लगभग वही स्थिति थी। इसके बाद लालू प्रसाद उदास और खामोश से हो गये।
सूत्रों के अनुसार तेजस्वी से फोन पर देर तक बात भी की। रात में भी रुझान और नतीजों का तेवर बहुत बदल नहीं रहा था। 15 साल बाद सत्ता का वनवास खत्म होने की उम्मीद जगी थी, भरोसा पैदा हुआ था। जिज्ञासा बनी हुई थी। रात 12 बजे तक लालू प्रसाद टीवी से चिपके हुए थे। क्षेत्रीय चैनलों पर रिमोर्ट घूम रहा था। नतीजा प्रतिकूल देख मन छोटा हो गया। उनकी रात बेचैनी में कटी इसलिए बुधवार को देर तक उनकी सुबह नहीं हुई। केली बंगले में सन्नाटा है।
बता दें कि पशुपालन मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा रांची के कैदी हैं मगर इलाज के नाम पर रिम्स में दो साल से अधिक से इलाजरत हैं और बीते दो माह से अधिक से तो रिम्स निदेशक के खाली पड़े तीन एकड़ वाले केली बंगला में रह रहे हैं। यही से बिहार चुनाव का संचालन करते रहे।