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छात्रा से दुष्कर्म मामले में लॉ कॉलेज का गार्ड गिरफ्तार; अब तक चार पर पुलिस का शिकंजा

कोलकाता कथित सामूहिक बलात्कार मामला में कोलकाता पुलिस ने बताया है कि लॉ कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी...
छात्रा से दुष्कर्म मामले में लॉ कॉलेज का गार्ड गिरफ्तार; अब तक चार पर पुलिस का शिकंजा

कोलकाता कथित सामूहिक बलात्कार मामला में कोलकाता पुलिस ने बताया है कि लॉ कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है। कोलकाता पुलिस का कहना है, "लॉ कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है।"

बता दें कि कोलकाता के विधि कॉलेज में एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी व तृणमूल कांग्रेस के छात्र नेता मोनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19) और प्रोमित मुखोपाध्याय (20) को गिरफ्तार किया है।

मोनोजीत इसी कॉलेज का पूर्व छात्र है, जबकि जैब व प्रोमित मौजूदा छात्र हैं। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पीड़िता का न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया गया है। मेडिकल में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। मोनोजीत के सोशल मीडिया हैंडल से पता चला कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष व टीएमसी के छात्र संगठन की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव है। 

इस मामले में केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कोलकाता में कथित गैंगरेप मामले पर कहा, "दोनों ही घटनाएं (आरजी कर की घटना और लॉ कॉलेज में कथित सामूहिक बलात्कार) शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हुई हैं। अगर शैक्षणिक संस्थानों के अंदर ऐसी घटनाएं हो रही हैं और आप उन्हें रोकने में असमर्थ हैं, तो यह एक दयनीय विफलता है। यह राज्य प्रशासन और राज्य की गृह मंत्री ममता बनर्जी की विफलता है और शैक्षणिक संस्थानों पर भी एक धब्बा है। किसी को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी... मुद्दा यह है कि आप शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित माहौल देने में असमर्थ हैं। यह आपकी विफलता है। इसे स्वीकार करें। आपको अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।"

 

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने 25 जून की शाम को हुई इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस से तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

 

साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई इस वीभत्स घटना ने पिछले साल अगस्त में शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना की भयावह यादें ताजा कर दीं।

 

कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि हालिया घटना का मुख्य आरोपी कॉलेज का पूर्व छात्र है और विडंबना यह है कि वह अलीपुर पुलिस एवं सत्र न्यायालय में आपराधिक मामलों का वकील है।

 

पुलिस ने पुष्टि की है कि दो अन्य आरोपी संस्थान के मौजूदा छात्र हैं और पीड़िता के वरिष्ठ हैं।

 

कॉलेज प्रशासन ने बताया कि मुख्य आरोपी को हाल में 45 दिनों की अनुबंध अवधि के लिए संस्थान में अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था।

 

मुख्य आरोपी के सोशल मीडिया हैंडल से पता चला है कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छात्र संगठन की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव है।

 

सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध मुख्य आरोपी की तस्वीरों में उसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के साथ देखा जा सकता है।

 

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है और आरोपियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें ‘कड़ी से कड़ी सजा’ दिए जाने की वकालत की है।

 

पुलिस ने बताया कि कथित अपराध और उत्पीड़न की घटना 25 जून की शाम को कॉलेज के भूतल पर छात्र संघ कार्यालय के पास एक गार्ड के कमरे के अंदर हुई।

 

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पीड़िता कुछ लोगों द्वारा बुलाए जाने के बाद कुछ शैक्षणिक फॉर्म भरने के लिए दोपहर बाद कॉलेज पहुंची थी।

 

 

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ कस्बा पुलिस थाने में बृहस्पतिवार को दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपियों ने छात्रा को वहीं रुकने को कहा। शाम को छात्रा को कथित तौर पर कॉलेज के भूतल पर स्थित कमरे में ले जाया गया और आरोपियों ने रात करीब 10 बजे तक उसके साथ बलात्कार किया। हमने कमरे को सील कर दिया है, और हमारे फॉरेंसिक विशेषज्ञ जल्द ही सबूत इकट्ठा करने के लिए वहां पहुंचेंगे।’’

 

सूत्रों ने बताया कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जब उसने मुख्य आरोपी के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के बाद कॉलेज परिसर से बाहर जाने की कोशिश की, तो उसका यौन उत्पीड़न किया गया।

 

पुलिस सूत्र के अनुसार पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सामूहिक बलात्कार के दौरान उसका वीडियो भी बनाया गया।

 

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पीड़िता ने आरोप लगाया है कि तीनों आरोपियों ने उत्पीड़न की मोबाइल फुटेज अपने पास रख ली थी और धमकी दी थी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी से बात की, तो वे इसे इंटरनेट पर डाल देंगे।’’

 

अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वीडियो फुटेज को अन्य नंबर पर भी भेजा गया था।’’

 

उन्होंने कहा कि पीड़िता की अनिवार्य मेडिकल जांच कराई जा रही है।

 

कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. नयना चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्य आरोपी को संस्थान के शासी निकाय द्वारा पारित एक प्रस्ताव के आधार पर अनुबंध के तहत पूरी तरह से अस्थायी नियुक्ति दी गई थी।

 

डॉ. नयना चटर्जी ने कहा, ‘‘मुझे सुरक्षा गार्ड से सूचना मिली कि पुलिस ने हमारे कॉलेज के दो कमरों को सील कर दिया है। मैं यह पता लगाने की कोशिश कर रही हूं कि आखिर हुआ क्या है। इस व्यक्ति को कॉलेज की शासी निकाय ने पूरी तरह से अस्थायी आधार पर नियुक्त किया था। ’’

 

कांग्रेस और ‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन’ (एआईडीएसओ) के कार्यकर्ताओं ने दिन में कस्बा पुलिस थाने के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक वहां से हटा दिया।

 

तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी कभी भी संस्थान में संगठन का इकाई अध्यक्ष नहीं रहा है, क्योंकि वहां छात्रसंघ पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है।

 

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

 

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रा और उसके परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है।

 

पांजा ने कहा, ‘‘ यह घटना बेहद दर्दनाक है। कोलकाता पुलिस ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच से जुड़ी सभी जानकारी जनता के लिए उपलब्ध है।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘ पीड़िता को राजनीति का मैदान बनाने के बजाय, उसके दर्द को समझा जाना चाहिए, उसका सम्मान किया जाना चाहिए तथा शीघ्र और बिना शर्त न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’

 

किसी का नाम लिए बगैर पांजा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ‘‘कुछ लोग आरोपियों का महिमामंडन करते हैं या उन्हें माला पहनाते हैं। लेकिन, हम ऐसे लोगों के लिए मिठाई नहीं बांटते या उनकी रक्षा नहीं करते। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार न तो अपराधियों को बचाती है और न ही महिलाओं की गरिमा से कोई समझौता करती है।’’

 

टीएमसी ने यह भी कहा कि ‘अपराजिता विधेयक’ के प्रति केंद्र की ‘उदासीनता’ ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है।

 

पांजा ने कहा, ‘‘ बार-बार अनुरोध के बावजूद, केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने इसे लागू करने के लिए कुछ नहीं किया है। ’’

 

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