गौरतलब है कि चारो तरफ से आलोचनाओं का शिकार होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जे.एम. खानवेलकर और जज आलोक अराधे ने कहा कि यही मांग करती हुई अर्जी सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई है। इसलिए इस बारे में फैसला सुप्रीम कोर्ट ही लेगा।
नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता दिग्जिवय सिंह, आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और वकीलों के समूह की याचिका पर सुनवाई होनी है। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है। लेकिन सुनवाई से ठीक पहले शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अर्जी लगा दी। हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट का रुख देखने के बाद इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को करेगा। इस दिन एसटीएफ द्वारा पेश किए गए सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट और एसटीएफ द्वारा मांगी जा रही पेनड्राइव के मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा।