मध्य प्रदेश में सरकार अगले दो दिनों के बाद जिस गो अभ्यारण्य में अपनी पहली गौ कैबिनेट की बैठक करने वाली है वह स्थान गायों के लिए श्मशान बना हुआ है। प्रदेश के आगर मालवा जिलेके सलारिया में बने इस स्थान में प्रतिदिन कई गायों की मौत हो रही है।
वर्ष 2017 में1100 एकड़ में शुरू हुए इस अभ्यारण्य को गायों के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में तैयार किया गया था। यहां पर जगह-जगह से एकत्रित आवार गायों को लाकर रखा जाता है। फिलहाल यहां पर करीब 4000 गौ वंश है। राज्य सरकार ने करीब 30 करोड़ रुपये की लागत सेइसे तैयार करवाया था कि गाय का बेहतर रख-रखाव किया जा सके। इसके अलावा यहां गोमूत्र से दवाएं बनना थीं। गोबर से गैस और न जाने कितने प्रयोग गायों को लेकर किए जाने थे। बड़ी प्लानिंग थी, लेकिन यही अब गायों के लिए श्मशान की तरह होता जा रहा है। दो साल पहले भी यहां पर बड़ी संख्या में गायों की मौत हो चुकी है।
हालांकि राज्य सरकार इस तरह किसी भी स्थिति से इंकार कर रहीहै। मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग के संचालक आर.के.रोकडे का कहना हैकि यहां पर ज्यादातर बीमार और कमजोर गायों को ही लाया जाता है। कई ऐसी होती है जिन्होंने पॉलीथीन खा ली होती है। यहां पर नियमित रूप सेउनका इलाज चल रहा है। किसी अव्यवस्था के कारण मौत नहीं हो रही है, जो भी हो रही है वो गंभीर बीमारियों की वजह से ही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गो-कैबिनेट का गठन किया। साथ ही पशु पालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग को गो-कैबिनेट में शामिल किया। इसकी पहली बैठक 22 नवंबर को सुसनेर के पास स्थित सालरिया गो-अभयारण्य में गोपाष्टमी पर होगी।