रात करीब पौने दो बजी लगी आग पर चार घंटे तक चले अभियान के बाद काबू पाया गया। अभियान के दौरान अत्यधिक धुएं के चलते छह दमकल कर्मियों की तबियत बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराए गए दमकल कर्मियों की हालत अब स्थिर है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मंत्रालय के तहत सभी संग्रहालयों के सुरक्षा लेखा-जोखा के आदेश दिए। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है... राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय एक राष्ट्रीय धरोहर है। वहां हजारों प्रदर्शनीय वस्तुएं थीं और हर रोज हजारों लोग संग्रहालय आते हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि अधिकारी आग से हुए नुकसान और उसकी भरपाई के तरीकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मंडी हाउस में फिक्की इमारत में स्थित संग्रहालय की सबसे ऊपरी मंजिल पर आग लग गई थी जहां मरम्मत का कुछ काम चल रहा था। आग जल्द ही इमारत की अन्य मंजिलों तक भी फैल गई।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने के काम में कम से कम 35 दमकल गाड़ियों को लगाया गया। आग पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को लगभग चार घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी, जिसके बाद तापमान कम करने के लिए चलाया गया अभियान कुछ और घंटे चला। जानवरों की खाल से बनाए गए उनके प्रतिरूप जैसी कई प्रदर्शनीय वस्तुएं आग में जलकर खाक हो गईं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
इमारत में ज्यादा लोग नहीं थे और दमकल कर्मियों के वहां पहुंचने तक इमारत को खाली करा लिया गया था। जावड़ेकर ने कहा, यह किराए पर ली गई संपदा थी। यह मंत्रालय की संपदा नहीं है, बल्कि फिक्की की संपदा है। इसलिए हमारी कुछ सीमाएं हैं। मुद्दा यह है कि यह एक वास्तविक नुकसान है और हमें इमारत सौंपे जाने के बाद नुकसान का आकलन किया जाएगा। हम देखेंगे कि नुकसान की भरपाई कैसे की जा सकती है।
जावड़ेकर ने कहा, दमकलकर्मी इसकी देखभाल कर रहे हैं। जब वे हमें इसे सौंप देंगे, उसके तत्काल बाद हम नुकसान का आकलन करेंगे। हम यह देखेंगे कि इसकी भरपाई कैसे की जा सकती है। हमें विस्तृत रिपोर्ट आगामी दो दिन में मिल पाएगी और हम इसके बाद रणनीति बनाएंगे। मंत्री ने अपने अधिकार क्षेत्रा में आने वाले सभी संग्रहालयों की सुरक्षा के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, मैंने अपने अधिकार क्षेत्र में संग्रहालयों के सुरक्षा लेखा-जोखा के आदेश दे दिए हैं ताकि कीमती कलाकृतियों एवं प्रदर्शनीय वस्तुओं के नुकसान से बचा जा सके।
नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय की स्थापना 1972 में की गई थी। यह भारत के उन दो संग्रहालयों में से एक है जो प्राकृतिक इतिहास से संबंधित हैं। यह पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत काम करता है।