पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को उस स्थल का अचानक दौरा किया जहां जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे थे, और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई करेंगी।
साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य भवन के बाहर 'हमें न्याय चाहिए' के नारे के बीच प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगी, क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं रखतीं।
हालांकि, उनके वहां से चले जाने के बाद आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे गतिरोध में तत्काल कोई सफलता मिलने के संकेत नहीं मिले।
डीजीपी राजीव कुमार के साथ बनर्जी दोपहर करीब एक बजे सेक्टर 5 स्थित घटनास्थल पर पहुंचीं और वहां मौजूद लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।
उन्होंने कहा कि बारिश के बीच सड़क पर डॉक्टरों के प्रदर्शन के कारण उनकी रातों की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा, "मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आपकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हूं।"
उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा, "मैं आपको आश्वासन देती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई करूंगी।"
उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। बनर्जी ने कहा, "यह संकट को हल करने का मेरा आखिरी प्रयास है।"
चिकित्सक मंगलवार से ही राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है।
जूनियर डॉक्टर एक महीने से ज़्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा प्रभावित हो रहा है। सरकार ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन के कारण कथित तौर पर इलाज न मिलने से 29 लोगों की मौत हो गई है।