दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स में 58 वर्षीय कमलेश चंदर की मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्हें क्रिसमस को भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल पर यह आरोप ऐसे समय में लगा है, जब अपीलीय संस्था वित्तीय आयुक्त ने दिल्ली सरकार द्वारा मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है।
जीवित नवजात को गलत तरीके से मृतक घोषित करने के मामले में दिल्ली सरकार ने हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। नए मामले में मृतक की 35 वर्षीय बेटी सारिका का कहना है कि हम कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर न्याय की मांग करेंगे। उनका कहना है कि 25 दिसंबर को मेरे पिता स्वस्थ हॉस्पिटल आए थे। उन्हें काफी पसीना आ रहा था, इसलिए वे उन्हें इमरजेंसी वार्ड में ले गए। ईसीजी टेस्ट के बाद पता चला कि धमनियों में ब्लॉकेज है। डॉक्टर्स ने उनके पिता की एंजियोग्राफी की और कहा कि बायपास सर्जरी जरूरी है।
बिना पूछे डॉक्टरों ने लगाया स्टेंट
सारिका ने आरोप लगाया कि जब उनकी फैमिली इस बारे में आपस में बात कर रही थी, तो डॉक्टर्स ने उन्हें सूचित कि उनके पिता के शरीर में स्टेंट लगा दिया गया है। ऐसा डॉक्टरों ने उनसे बिना पूछे किया। यहां तक जिस डॉक्टर की निगरानी में उनके पिता को भर्ती किया गया था, वह छुट्टी पर थे। उसने आरोप लगाया कि यह हॉस्पिटल की लापरवाही है। सारिका ने बताया कि कुछ घंटे बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि हॉस्पिटल ने इसके लिए तीन लाख रुपए का बिल बनाया।
पुलिस में शिकायत
सारिका का कहना है कि हमने सभी विस्तृत जानकारी पुलिस को सौंप दी है और शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
हॉस्पटिल प्रशासन का बयान
मैक्स ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा है कि मरीज को 25 दिसंबर की दोपहर इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी और सीने में दर्द था। मरीज 58 साल का था और उन्हें डायबिटीज की भी शिकायत थी। मेडिकल टीम की काफी कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।