शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी तथा दूसरे कई नेता शामिल हुए। इससे एक दिन पहले सईद को पीडीपी विधायक दल का नेता चुना गया था। जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार में हुए शपथ ग्रहण समारोह में पीडीपी और भाजपा के मंत्रियों ने भी शपथ ली। पिछले साल दिसंबर में चुनाव में हार के मद्देनजर उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा हुआ था। इससे पहले सईद जनवरी, 2002 में पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे और तीन साल तक इस पद पर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ही इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि सईद का मुख्यमंत्री बनना तय है।
अलगाववाद से मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखने वाले बने पीपुल्स कांफ्रेस के नेता सज्जाद लोन भी सरकार का हिस्सा बनें। शपथ ग्रहण के बाद सबकी निगाहें पीडीपी एवं भाजपा की ओर से जारी किए जाने वाले साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर होंगी। गौर करने वाली सबसे दिलचस्प बात यह होगी कि दोनों दल धारा 370 तथा आफ्सपा जैसे विवादित मुद्दों से कैसे निपटते हैं।
सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनी जिसके साथ ही राज्य में 49 दिनों से चला आ रहा राज्यपाल शासन खत्म हो गया। राज्यपाल एन एन वोहरा ने जम्मू में 79 वर्षीय सईद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के निर्मल सिंह ने शपथ ली।
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