नगालैंड सरकार ने शुक्रवार को कुत्ते के मांस की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दिया है। जानवरों के साथ क्रूरता को लेकर चिंताओं के बीच यह अहम फैसला है। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री एन. क्रोनू ने बताया कि कुत्तों के वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर और कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। राज्य के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने भी ट्वीट कर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
यह रोक कुत्ते के पके हुए और कच्चे दोनों तरह के मांस पर लगी है। सरकार के प्रवक्ता क्रोनू ने बताया, 'राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला सेवन के लिए दूसरे राज्यों से कुत्तों को लाने के खतरों को देखते हुए और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Animal Cruelty Prevention Act), 1960 के तहत लिया गया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से सूअरों के भी वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया। क्रोनू ने बताया कि क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य ने पहले ही सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था और मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी।
दरअसल, सरकार ने यह फैसला तब लिया जब सोशल मीडिया पर दीमापुर के बाजारों में बिकने वाले कुत्तों का फोटो वायरल हो गया था। इस पर लोगों ने नाराजगी भी जताई थी। हाल ही में, एक प्रमुख कवि और पूर्व राज्यसभा सांसद, प्रीतिश नंदी ने ट्विटर पर अपने प्रशंसकों को नगालैंड के बाजारों में कुत्ते के मांस की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक आंदोलन में शामिल होने की अपील की थी।
बता दें कि इस पूर्वोत्तर राज्य में कुत्ते का मांस खाने का प्रचलन रहा है। यहां के लोग इसे उच्च पोषण का जरिया मानते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर कुत्ते से बर्बरता का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने इस क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाई थी।