पिछले 12 दिनों से मध्य प्रदेश के धार जिले के चिकल्दा गांव में अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की पैरोकार मेधा पाटकर और अन्य कार्यकर्ताओ जिला प्रशासन ने अनशन स्थल से गिरफ्तार कर लिया।
करीब एक घंटे चले पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर और अन्य साथियो को उठाकर एंबुलेंस में सवार कर दिया। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी।
गौरतलब है कि सरदार सरोवर बांध से डूब में आने वालों के हक के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर पिछले 12 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थी।
12 दिन के अनशन पर बैठी मेधा
मेधा पाटकर ने कहा, "आज मध्य प्रदेश सरकार 12 दिन के अनशन पर बैठे 12 साथियों को गिरफ्तार करके जवाब दे रही है। यह अहिंसक आंदोलन का जवाब नहीं है। मोदी जी और शिवराज जी के राज में संवाद नहीं हो रहा है और जो हो रहा है उस पर कोई जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। कानून का उल्लंघन हो रहा है। पुलिस केवल बल प्रयोग से समाधान करना चाह रही है। अब इस आंदोलन को चोटी पर ले जाने का वक्त आ गया है।"
मेधा ने 'नर्मदा से हो सही विकास- समर्पितों की यही है आस' का नारा देते हुए कहा, '12 अगस्त को अगर मोदी जी ने अगर इस मुद्दे पर जश्न मनाया तो उनकी सरकार किस प्रकार से विकास को आगे धकेलना चाह रही है। यह बात अधूरी रह जाएगी। देश में कहीं पर भी विस्थापन की शर्त पर विकास न हो, यही हमारी मांग है।"
आप नेता आलोक अग्रवाल ने पुलिस द्वारा सरदार सरोवर डूब क्षेत्र में पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई को पूर्णता कायरता पूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, "अपने अधिकारों के लिए अनशन पर बैठे मेधा और साथियो को पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करना गलत है। डूब क्षेत्र वासियो की साधारण सी मांग है कि विस्थापन से पूर्व पुर्नवास स्थल पर सभी सुविधाए हो, ऐसी मांगों को मानने की जगह शिवराज लाठीचार्ज करवा रहे है। इसी कायरतापूर्ण कार्रवाई के विरोध में आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी".
27 जुलाई से भूख हड़ताल पर बैठी हैं पाटकर
इससे पहले मध्य प्रदेश की आम आदमी पार्टी ने मेधा पाटकर सहित अन्य अनशनकारियों की गिरफ्तारी की संभावना व्यक्त की थी। दोपहर में ही चिकल्दा में मेधा पाटेकर की गिरफ्तारी के लिए भारी पुलिस बल पहुंच चुका था। अनशन स्थल में प्रशासन की सक्रियता के बढ़ते ही अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में लोग डूब प्रभावित इलाके में एकत्रित हो गए।
वहीं पाटकर संवाद की मांग को दोहरा रही है। उनका कहना है की अब संवाद दो दिन पूर्व अपर मुख्य सचिव और संभागायुक्त की उपस्थिति में हुई बात से आगे बात होनी चाहिए। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल राज्य स्तरीय नहीं, केंद्र स्तरीय होना चाहिए, क्योंकि कई मामले केंद्र से संबंधित हैं। और संवाद में ठोस निर्णय होना चाहिए।
बता दें कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश में कई गांव और हजारों लोग प्रभावित हुए है। मेधा पाटकर प्रभावित लोगों के पुनर्वास मांग को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा में 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी हैं।