नागौर के डांगावास में भूमि विवाद को लेकर 14 मई को हुए खूनी संघर्ष में एक और घायल व्यक्ति की मौत हो गई है। इस तरह अब तक इस प्रकरण में छह लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से पांच दलित हैं। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती गंभीर रुप से घायल गणेश ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। उसकी हालत को देखते हुए मानवाधिकार संगठनों की ओर से उसे तुरंत दिल्ली के एम्स ले जाने की मांग कर रहे थे, जिसे नजरअंदाज किया गया।
गौरतलब है कि डांगावास में गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने तीन दलित को ट्रैक्टर से कुचल कर मार डाला था जबकि कई लोगों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई। हिंसा के शिकार कुल 13 घायलों को अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसमें से गणेश और गणपत की हालत काफी गंभीर थी। पिछले एक हफ्ते के दौरान गणपत और गणेश दोनों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीयूसीएल की महासचिव कविता श्रीवास्तव का कहना है कि जब गणेश को अस्पताल में भर्ती किया गया तो सिर्फ उसके फ्रेक्चर का इलाज शुरू हुआ। इसके बाद 18 तारीख को उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। तब से वह गंभीर स्थिति में था। उसे अंदरुनी चोटें लगी थी लेकिन दो दिन तक सिर्फ उसके फ्रेक्चर का ही इलाज चला। इस बीच आंतरिक चोट के कारण उसकी किडनी खराब हो गई। अगर समय रहते उसे बेहतर इलाज मिलता तो शायद उसे बचाया जा सकता था।