प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित सभी राजनीतिक नेताओं को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। यह आश्वासन उन्होंने पीडीपी के राज्यसभा सदस्य नजीर अहमद लावे से मुलाकात के बाद दिया।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और मौजूदा सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसद नजीर अहमद लावे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ उनकी पार्टी प्रधान को भी रिहा किया जाना चाहिए।
बंदियों को रिहा करने की मांग
संसद भवन में प्रधानमंत्री से लावे ने 20 मिनट की मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने मोदी को जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात के बारे में बताया और उनसे सभी बंदियों को रिहा करने का अनुरोध किया, जिसमें उमर, महबूबा और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह शामिल थे। उन्होंने कहा कि राज्य में राजनीतिक हालात और सहित विकास प्रक्रिया जल्द ही फिर से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का अनुरोध किया है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कई राजनीतिक नेताओं को सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद हिरासत में लिया गया था।
फारुक अब्दुल्ला को किया रिहा
करीब सात महीने तक हिरासत में रखने के बाद सरकार ने पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) को रद्द कर दिया था। पीएम की इस बैठक से एक दिन पहले ही जम्मू और कश्मीर के में नई पार्टी बनाने के लिए अल्ताफ बुखारी से मुलाकात हुई थी। उन्हें पीएम और अमित शाह ने बुलाया था। बुखारी के अनुसार, रविवार को एक बैठक के दौरान गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि शेष राजनीतिक कैदियों को "बहुत जल्द" रिहा कर दिया जाएगा। सरकार ने पिछले सप्ताहसंसद में जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर में कुल 451 लोग हिरासत में हैं, जिनमें 396 पर पीएसए लगाया गया है।